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भारतीय राज्यों-अमेरिकी निवेशकों की बातचीत से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा : जेटली

arun jaitly 1 भारतीय राज्यों-अमेरिकी निवेशकों की बातचीत से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा : जेटली

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को यहां कहा कि भारतीय राज्यों तथा अमेरिकी निवेशकों और कंपनियों के बीच व्यापार वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत के कई राज्य 10-11 प्रतिशत दर से विकास कर रहे हैं। जेटली ने यह बात अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर और अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक जेफरी जिंट्स से मुलाकात के दौरान कही। दोनों देशों के बीच मंगलवार को रणनीतिक और वाणिज्यिक वार्ता होनी है।

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वित्त मंत्रालय की ओर यहां जारी एक बयान के अनुसार, जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश कोष (एनआईआईएफ) बनाया है, जिसमें अमेरिका के बीमा और पेंशन कोष, वृत्ति कोष का निवेश किया जा सकता है, खासकर बुनियादी क्षेत्रों में, जिसमें भारत की विशाल क्षमता है। प्रित्जकर ने जीएसटी विधेयक के पारित होने का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि इससे भारत में व्यापक स्तर पर आर्थिक क्रियाकलापों को बढ़ावा मिलेगा। बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारतीय मुख्यमंत्रियों की व्यापार वार्ता को एक संरचनात्मक आकार दिया जा सकता है।

मंगलवार की वार्ता को दोनों देशों के बीच राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल की अंतिम द्विपक्षीय वार्ता कही जा रही है। बयान के अनुसार, भारतीय पक्ष की अगुवाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। जबकि अमेरिकी दल की अगुवाई अमेरिकी विदेशी मंत्री जॉन केरी और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर द्वारा की जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, सुबह भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के बीच बातचीत होगी, जबकि दोपहर में समग्र सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता होगी। सीईओ फोरम में भारतीय पक्ष का नेतृत्व टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व हनीवेल इंटरनेशनल के चेयरमैन एवं सीईओ डेव कोटे करेंगे।

बयान के अनुसार, शाम साढ़े चार बजे दोनों ही क्षेत्रों के तहत अलग-अलग द्विपक्षीय चर्चाएं होंगी। दोनों देशों के बीच पहली समग्र सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता सितम्बर 2015 में वाशिंगटन में हुई थी, जिसमें सामरिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में सहयोग पर केंद्रित विशेष क्षेत्रों की पहचान की गई थी। इस सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता में दोनों ही क्षेत्रों के तहत सहमति वाले विभिन्न मुद्दों पर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और आगामी साल के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। बयान में कहा गया है कि 30 अगस्त को होने वाली सीईओ फोरम की बैठक में उन सिफारिशों की दिशा में उठाए गए कदमों की ताजा स्थिति की समीक्षा की जाएगी, जो इस फोरम द्वारा वर्ष 2015 में हुई दो पिछली बैठकों में पेश की गई थी। सीईओ फोरम की सिफारिशों के बाद कई क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाए गए।

बयान में आगे कहा गया है, “नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीईओ फोरम द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप दोनों पक्ष अमेरिका-भारत ऊर्जा वित्त संबंधी कदमों पर काम कर रहे हैं, जिनसे वर्ष 2020 तक 40 करोड़ डॉलर जुटाए जाने की आशा है।”इसी तरह रक्षा उत्पादन से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने एक नई रक्षा खरीद प्रक्रिया शुरू की है, जिससे भारत में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में उपलब्ध व्यापक अवसरों से लाभ उठाना आसान हो गया है। बयान के अनुसार, भारत सरकार स्मार्ट सिटी के के लिए चयनित 33 शहरों में से तीन शहरों के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करेगी। इसके अलावा दोनों पक्ष 15 सितंबर, 2016 को नई दिल्ली में होने वाले क्षेत्रीय वैश्विक संपर्क सम्मेलन में सभी हितधारकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आपस में मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं। एफडीआई नीति को और ज्यादा सरल बनाया गया है तथा शर्तों में ढील दी गई है।

रणनीतिक संवाद के दौरान भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश के लिए सभी सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने के लिए एक बार फिर बातचीत शुरू कर सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को एक अलग गोलमेज बैठक में कहा कि उत्पाद मानकों का समानीकरण दोनों देशों का एक प्रमुख संयुक्त नीतिगत उद्देश्य होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित इस बैठक में सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “भारतीय उद्योग को अपनी निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए अत्यधिक कड़े मानकों को पूरा करने के अनुकूल बनने की जरूरत है, अन्यथा हम वैश्विक व्यापार की दौड़ से बाहर हो जाएंगे।” अतिरिक्त वाणिज्य सचिव आलोक चतुर्वेदी ने कहा, “द्विपक्षीय व्यापार में मानक नया नियम बनने जा रहे हैं।” भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2015 में 109 अरब डॉलर पहुंच गया था। भारत 2015 में अमेरिका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के 10 शीर्ष वृद्धिरत स्रोतों में शामिल रहा।

 

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