नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश की आर्मी को अधिक मजबूत करने के लिए आए दिन दूसरे देशों से नए आधुनिक हथियारों का सौदा करती रहती है। इतना ही भारत ने खुद की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए है। जिसके बाद अब भारत में स्वदेशी हथियारों का निर्माण भी होने लगा है। जानकारी के अनुसार जुलाई 2016 में भारत और अमेरिका के बीच चार पी-8आई एयरक्राफ्ट के लिए 88 बिलियन डॉलर में डील हुई थी। जिसके बीते बुधवार को भारतीय नौसेना को अमेरिका से पहला नया लंबी दूरी के मैरिटाइम पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट पी-8आई मिला है, जिसे गोवा एयर स्टेशन लाया गया है। इन चारों नए पी-8आई को पश्चिमी समुद्र तट पर नजर रखने के लिए गोवा में आईएनएस हंस पर तैनात किया जाना है।
गोवा में आईएनएस हंस पर तैनात किया जाना पी-8 आई
बता दें कि भारतीय नौसेना को अमेरिका से बुधवार को पहला नया लंबी दूरी के मैरिटाइम पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट पी-8आई मिला है यह सेंसर्स और हथियार से लैस है ताकि समुद्र के अंदर पनडुब्बियों को निशाना बनाकर उसे तबाह कर सके। जबकि, अन्य तीन पी-8 आई एयरक्राफ्ट की डिलीवरी अगले साल तक हो पाएगी इन चारों नए पी-8आई को पश्चिमी समुद्र तट पर नजर रखने के लिए गोवा में आईएनएस हंस पर तैनात किया जाना है। इससे पहले, ऐसे ही 8 एयरक्राफ्ट को तमिलनाडु के अरक्कोनम स्थित आईएनएस राजाली में तैनात किया गया था। हालांकि, शुरुआत में इसका मकसद हिंद महासागर में पैनी नजर रखने का था। लेकिन भारत अब इसका इस्तेमाल चीन की तरफ से लद्दाख में किए जा रहे निर्माण और उसकी मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कर रहा है।
2009 में भारतीय नौसेना शामिल किए गए थे आठ पी-8 आई
बोइंग की तरफ से बनाए गए पहले आठ पी-8आई, जिस पर हार्पून ब्लॉक-II मिसाइल, एके-54 हल्के टॉरपेडोस, रॉकेट्स लगाए गए हैं, उन्हें जनवरी 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इसके लिए 2.1 बिलियन डॉलर की डील की गई थी। 907 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार और 1200 किलोमीटर ऑपरेटिंग रेंज के साथ सामुद्रिक सर्विलांस और खुफिया मिशन के लिए पी-8आई बिल्कुल माकूल है। अमेरिका के साथ भारत 6 और 1.8 बिलियन डॉलर लागत के पी-8आई एयरक्राफ्ट की डील फाइनल करने जा रहा है।