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सोशल मीडिया पर लटकी तलवार, नियम लागू करने की डेडलाइन आज खत्म, मनमानी करने पर होगा एक्शन

social media सोशल मीडिया पर लटकी तलवार, नियम लागू करने की डेडलाइन आज खत्म, मनमानी करने पर होगा एक्शन

टूलकिट को लेकर केंद्र के द्वारा ट्विटर को दी गई सख्त हिदायत के बाद अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सामने एक और तलवार लटक रही है। दरअसल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए 25 फरवरी 2021 को गाइलाइन जारी की थी जिसे लागू करने के लिए सरकार ने तीन महीने का समय दिया था। आज वो समय खत्म हो रहा है। यानिकी आज से केंद्र द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के नियम लागू हो जाएंगे।

अभी तक किसी ने नहीं दिया जवाब

फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया ने अब तक नहीं बताया है कि गाइडलाइंस को लागू किया गया या नहीं। ऐसे में सरकार इन पर एक्शन ले सकती है।

सरकार ने गाइडलाइन में क्या कहा था?

1- केंद्र ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था, सभी सोशल मीडिया भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करें। ये भारत में ही रहते हों। इनके कॉन्टेक्ट नंबर ऐप और वेबसाइट पर पब्लिश किए जाएं।
2- ये प्लेटफॉर्म ये भी बताएं कि शिकायत दर्ज करवाने की व्यवस्था क्या है। अधिकारी शिकायत पर 24 घंटे के भीतर ध्यान दें और 15 दिन के भीतर शिकायत करने वाले को बताएं कि उसकी शिकायत पर एक्शन क्या लिया गया और नहीं लिया गया तो क्यों नहीं लिया गया।
3- ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के जरिए ऐसा सिस्टम बनाएं, जिसके जरिए रेप, बाल यौन शोषण के कंटेंट की पहचान करें। इसके अलावा इन पर ऐसी इन्फर्मेशन की भी पहचान करें, जिसे पहले प्लेटफॉर्म से हटाया गया हो। इन टूल्स के काम करने का रिव्यू करने और इस पर नजर रखने के लिए भी पर्याप्त स्टाफ हो।
4- प्लेटफॉर्म एक मंथली रिपोर्ट पब्लिश करें। इसमें महीने में आई शिकायतों, उन पर लिए गए एक्शन की जानकारी हो। जो लिंक और कंटेंट हटाया गया हो, उसकी जानकारी दी गई हो।
5- अगर प्लेटफॉर्म किसी आपत्तिजनक जानकारी को हटाता है तो उसे पहले इस कंटेंट को बनाने वाले, अपलोड करने वाले या शेयर करने वाले को इसकी जानकारी देनी होगी। इसका कारण भी बताना होगा। यूजर को प्लेटफॉर्म के एक्शन के खिलाफ अपील करने का भी मौका दिया जाए। इन विवादों को निपटाने के मैकेनिज्म पर ग्रेवांस अफसर लगातार नजर रखें।
अब समस्या कहां आ रही है?
6- 50 लाख या इससे ऊपर यूजर बेस वाले मुख्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये नियम लागू करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया था। ये मियाद 25 मई को खत्म हो रही है। सिर्फ इंडियन सोशल मीडिया कंपनी कू ने गाइडलाइंस का पालन किया है। इनके अलावा ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों ने अब तक ऐसे किसी कदम की जानकारी नहीं दी है।

सरकार ले सकती है ये एक्शन?

अगर डेडलाइन खत्म होने तक किसी भी सोशल मीडिया का जवाब नहीं आता है तो सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी। सूत्रों के मुताबिक, नियमों का पालन नहीं होता है तो सरकार इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को दी हुई इम्युनिटी वापस ले सकती है। इस इम्युनिटी के तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का रोल भारत में intermediary यानी बिचौलिए के तौर पर दर्ज है।

इसके मायने यह हैं कि अगर कोई यूजर किसी पोस्ट को लेकर कोर्ट जाता है तो इन प्लेटफॉर्म्स को अदालत में पार्टी नहीं बनाया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि अगर केंद्र सरकार इम्युनिटी हटा लेगी तो इन सोशल मीडया प्लेटफार्म को भी कोर्ट में पार्टी बनाया जा सकता है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर सकती है।

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