भारत सरकार ने गुरुवार को घरेलू हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ा दी, यानि की अब हवाई यात्रा करना आम नागरिकों को मंहगा पड़ सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने बीते कुछ सालों में सस्ती हवाई यात्रा का सपना दिखाया था.. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इच्छा जताई थी, कि मैं चाहता हूं हवाई चप्पल वाला हवाई सफर करें। पर कोरोना काल और बढ़ती महंगाई के चलते अब ये सपना टूट गया है, क्योंकि हवाई किराया में बड़ी बढ़ोत्तरी करते हुए सरकार ने घरेलू यात्री किराये में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर दी है।
बता दें कि कोरोना काल में सरकार ने धीरे-धीरे हवाई सेवा शुरू की थी। मौजूदा दौर में देश की हवाई सेवा 80 प्रतिशत क्षमता के साथ उड़ान भर रही है। जो फिलहाल 1 मार्च तक जारी रहेगी। सरकार ने इसके पीछे तर्क देते हुए बीते दिनों कहा था कि हवाई जहाज में पड़ने वाला जेट ईंधन महंगा हो गया है। जिसे किराया के जरिए वसूलने के संकेत माना गया था। अब सरकार ने इस आशंका को सच साबित कर दिया है।
30% तक हवाई किराया बढ़ा
सरकार की नई नीति से घरेलू हवाई किराया 30% तक बढ़ जायेगा। हवाई किराये के कैप में बदलाव को मंजूरी सरकार ने दे दी है। जिससे न्यूनतम 10%, अधिकतम 30% तक किराया बढ़ जायेगा। सरकार ने उड्यन विभाग की मांग को मानते हुए, सभी घरेलू उड़ानों में कम्पनियों को किराया बढ़ाने की छूट दे दी है।
उड़ान का समय पुराना बैंड नया बैंड
40 मिनट तक 2,000-6,000 2,200-7,800
40-60 मिनट 2,500-7,500 2,800-9,800
60-90 मिनट 3,000-9,000 3,300-11,700
90-120 मिनट 3,500-10,000 3,900-13,000
120-150 मिनट 4,500-13,000 5,000-16,900
बुधवार को उड्यन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि फिलहाल हमारी मंशा किराया बढ़ाने की नहीं है। लेकिन बाजार के मुताबिक किराये की सीमा तय करना भी ठीक नहीं है। उम्मीद है, जब फ्लाइट्स पूरी क्षमता के साथ उड़ान भरेंगी, तो ये किराया कम हो जायेगा।