नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जहां भारत को कई देशों से समर्थन मिल रहा है वहीं पाकिस्तान शुरुआत से ही इस बात को नकारता आ रहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर में किसी भी तरह का ऑपरेशन किया गया है। हालांकि एक अखबार में छपी रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया था कि पाकिस्तानी सैनिक ने भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को कबूला है साथ ही ये भी बताया है कि पाक की सेना आतंकिओं के शव ट्रकों में लादकर ले गई थी।
भारत की दो टूक:-
लेकिन पाकिस्तान सरकार की तरफ से लगातार ये बयान आ रहा है कि भारत की तरफ से गोलाबारी के चलते उसके सैनिकों की मौत हुई थी। वहीं शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने पाकिस्तान की मीडिया में आई उस खबर को मनगढ़ंत और निराधार बताया है जिसमें ये कहा गया था कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने नई दिल्ली में जर्मन राजदूत के साथ हुई बैठक में माना था कि सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुआ है।
Our statement on a concocted and baseless News International Pakistan story pic.twitter.com/QcqQTJUM0C
— Vikas Swarup (@MEAIndia) October 14, 2016
इसके साथ ही विकास स्वरुप ने कहा कि पाकिस्तान की मीडिया में एक खबर चल रही है कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक न होने की बात को कबूला है ये सरासर गलत है। जर्मन राजदूत डॉ मार्टन विदेशी प्रतिनिधियों के समूहों में थे और 29 सितंबर को हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में विदेश सचिव ने उन्हें ऑपरेश के बारे में जानकारी दी थी लेकिन उसके आगे उनसे कोई भी बात नहीं हुई।
सरकार नहीं देगी सबूत:-
बता दें कि 29 सितंबर को भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर लगभग 50 से ज्यादा आतंकिओं को मार गिराया था जिसके बाद से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखलाया हुआ है और वो लगातार भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को बेबुनियाद ठहरा रहा है। वहीं पाक मीडिया के साथ-साथ भारत के कुछ नेताओं ने केंद्र सरकार से इस ऑपरेशन के सबूत मांगें थे लेकिन हाल ही में हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने इन सबूतों को सार्वजनिक नहीं करने का ऐलान किया है।