कर्नाटक। कर्नाटक में बीजेपी के नेता ने केंद्र सरकार के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। मीडिया के मुताबिक एक चेनल में चर्चा के दौरान वामन आचार्य ने कहा कि देश के कृषि प्रधान बनने से पहले भारत के ब्राह्मण भी बीफ खाते थे। लेकिन जब उनकी इस बात पर विवाद बढ़ने लगा तो उन्होंने इस बात से किनारा कर लिया और अपना बयान बदल दिया। कर्नाटक के वरिष्ठ नेताओं ने आचार्य के इस बयान की निंदा की है।
बता दें कि वामल आचार्य ने बयान दिया था कि कृषि प्रधान देश बनने से पहले यहां के ब्राह्मण भी बीफ खाते थे। इस बयान पर गौर किया जाए तो इसका मतलब निकलता है कि ब्राह्मण सहित कई समुदाय बीफ खाते हैं। वामन ने ये बयान स्लॉटर हाउस के लिए मवेशियों की बिक्री पर रोक लगाने की चर्चा के दौरान दिया था। उनका कहना था कि देश के उत्तर पूर्वी इलाकों में गाय का मांस खाया जाता है।
बात बढ़ने पर आचार्य ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि इस मुद्दे पर कोई भी विवाद बढ़े। इसलिए मैं अपनी बात को वापस ले रहा हूं। मैं नहीं चाहता कि इस मामले को तूल दिया जाए और इस बात को यहीं खत्म कर दिया जाए। क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से मेरी पार्टी को किसी भी तरह का नुकसान उठाना पड़े।