नई दिल्ली। ग्लोबर फायरपावर ने साल 2017 की जो सूची जारी की है उसे सुनने के बाद हर भारतीय नागरिक का सिर फर्क से ऊंचा हो जाएगा। दरअसल इस सूची में भारतीय सेना को दुनिया की पांच सबसे ज्यादा ताकतवर सेनाओं की सूची में शामिल किया गया है। 133 देशों की इस सूची में भारत को चौथे पायदान पर रखा गया है। भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन है और पाकिस्तान तो भारत के आसपास तक भी नहीं भटकता है। दरअसल इस सूची को 50 मानकों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग और भौगोलिक स्थिति की उपलब्धता शामिल है। फायरपावर की सूची में देशों की परमाणु ताकत को नहीं गिना गया है, लेकिन परमाणु हथियारों की क्षमता को अंक जरूर दिए गए हैं।
भारत और चीन इस सूची में अपने सार्वधिक सैनिकों को दम पर शामिल हुए हैं। सैनिकों की संख्या के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया। जहां भारत के सैनिकों की संख्या 42 लाख 7 हजार 250 है तो वहीं चीन के सैनिकों की संख्या 37 लाख 12 हजार 500 है। हालांकि सक्रिया सैनिकों की संख्या के मामले में चीन भारत से आगे है। उसके पास सक्रिया सैनिकों की संख्या 22 लाख 60 हजार है तो वहीं भारत के पास सक्रिय सैनिकों की संख्या 13 लाख 62 हजार 500 है। भारत के पास रिजर्व सैनिक 28,44,750 हैं, वहीं चीन के पास सिर्फ 14,52,500 ही हैं। रक्षा बजट के मामले में भारत चीन से बहुत पीछे छूटता दिखता है।
सूचकांक के मुताबिक भारत के रक्षा बजट से तीन गुना चीन सेना पर खर्च करता है।रक्षा के सभी क्षेत्रों में भारत अपने पश्चिमी पड़ोसी से मीलों आगे है। केवल कुछ मामलों में ही पाकिस्तान को बढ़त हासिल हैं। इनमें लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की संख्या, स्वचालित आर्टिलरी और जलमार्ग विस्तार। भारत का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी देश चीन ग्लोबल फायरपावर सूचकांक में अभी तीसरे पायदान पर है, लेकिन जिस तरह से अपनी रक्षा तैयारियों में जुटा है उससे जल्द ही दूसरे स्थान पर विराजमान हो जाएगा। रूस दूसरे स्थान पर है लेकिन चीन के पास रूस से ज्यादा लड़ाकू विमान और जलपोत हैं। हालांकि सेवारत टैंकों से वो रूस से पिछड़ जाता है।