नई दिल्ली। डोकलाम विवाद के कूटनीतिक तरीके से निपटने के बाद भी चीन अपनी हरकतो से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने एक बार फिर से विवादित क्षेत्र में सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है। चीन द्वारा एक बार फिर पीट पर छूरा घोपने के चलते भारत ने भी उसे जवाब देने के लिए अपनी कमर कस ली है। भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिको की तैनाती को देखते हुए भारतीय सैनिकों ने भी वहां अपनी मौजूूदगी एक बार फिर दर्शानी शुरू कर दी है। बता दें कि सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश की सीमा पर 500 चीनी सैनिकों की तैनाती की खबर आने के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय सेना को भी दोनों राज्यों की सीमाओं पर अलर्ट जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि सीमा पर चीन की दग्गाबाजी को देखते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने चीन सीमा पर सेना की तैयारी का जायजा लेने का मन बनाया है। रक्षा मंत्री वहांं वायु सेना के कुछ कार्यक्रमों में शामिल होंगी। वह क्षेत्र के सैन्य कमांडरों के साथ बात करेंगी और रक्षा तैयारियों का जायजा लेंगी। बता दें कि डोकलाम विवाद को लेकर जारी एक रिपोर्ट को देखते हुए भारत ने स्पष्ट करते हुए कहा कि डोकलाम में जहां भारत और चीन की सेना आमने सामने थी, वहां कोई नया डेवलपमेंट नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम में 28 अगस्त के बाद की स्थिति बरकरार है। मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि चीन की गतिविधियों की जो रिपोर्ट मिल रही है वो गलत है और भारत इस मामले को लेकर भुटान से लगातार संपर्क में बना हुआ है।
बताते चलें कि डोकलाम क्षेत्र में 16 जून से चीन और भारत की सेना आमने-सामने थी। 73 दिन के बाद 28 अगस्त को दोनों सेनाएं पीछे हटी। अब रिपोर्ट मिल रही है कि गतिरोध की जगह से कुछ किमी दूर चीन अपनी अधूरी सड़क को चौड़ा और लंबा कर रहा है। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने गुरुवार को कहा था कि चुम्बी घाटी में चीनी सैनिक अभी भी तैनात हैं। वही इस खबर को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम क्षेत्र हमेशा से उसका है। पीएलए अपने ही क्षेत्र में गश्त कर रही है और ये उसका अधिकार है।