लद्दाख सीमा पर हुई खूनी हिंसा के बाद भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में 20 जवानों को खोने का दुख भी है और गुस्सा भी। चीन में भी 30 से ज्यादा जवान मारे गये हैं। लेकिन चीन फिर भी अपनी हरकतों से बाज आता हुआ नहीं दिख रहा है।इस बीच एक ऐसी खबर आ गई है। जिसने सबको चौंका दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, खूनी झड़प के बाद एक बार फिर से भारत और चीन की सेना कदम ताल करती हुई नजर आने वाली हैं।
आपको सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन ये सच है।
चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला?
रूस के मास्को शहर में जहां 24 जून को विक्ट्री डे परेड होने जा रही है।रूस में होने वाली विक्ट्री डे परेड के 75 साल पूरे होने पर भारत की तीनों ही सेनाओं के 75 जवान रूस पहुंच गए हैं। रूस के निमंत्रण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को के लालचौक पर होने वाली इस ऐतिहासिक परेड के गवाह बनेंगे।रूस हर साल 24 जून को नाजियों पर सोवियत संघ की जीत के उपलक्ष में विक्ट्री डे परेड आयोजित करता है। इसी परेड में हिस्सा लेने के लिए चीन के सैनिकों का दस्ता भी मास्को पहुंच गया है। भारत, चीन के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 18 अन्य देशों के सैनिक भी विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लेंगे।
इस परेड में रूसी सेना अपने ताकत का शानदार प्रदर्शन करेगी। उधर, इस परेड में हिस्सा लेने के लिए चीन की तीनों ही सेनाओं के सैनिक रूस पहुंच गए हैं। चीन ने इस मौके फायदा उठाते हुए अपने स्वदेशी ट्रांसपोर्ट प्लेन Y-20 का दुनिया के सामने प्रदर्शन भी किया। चीनी सैनिक इसी प्लेन से मास्को पहुंचे हैं।
रूस में 9 मार्च को हर साल विक्ट्री डे मनाया जाता है लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस साल परेड को 24 जून को आयोजित किया जा रहा है। जिसमें कई देशों के जवान शिरकत करने पहुंच रहे हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि, रूस ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मास्को में 24 जून को होने वाली विक्ट्री डे परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। लेकिन इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे लेकिन चीन के नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। भारत, चीन के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 18 देशों की सेनाएं इस परेड में शामिल होंगी। ये नजारा अपने आप में बेहद खूबसूरत दिखने वाला है।
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कोरोना का बीच इस तरह की परेड होने अपने आप में काफी बड़ी खबर है क्योंकि कोरोना के चलते कई सार्वजनिक कार्यक्रम रूके हुए हैं। ऐसे में अगर 18 देशों की सेनाएं एक साथ परेड करती हुई दिखती हैं तो ये नजारा अपने आप में बेहद खूबसूरत होगा।