नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बाॅर्डर पर आए दिन तनातनी देखने को मिलती रहती है। जिसके चलते भारतीय सेना अब अपनी मजबूती बढ़ाने की ओर ध्यान दे रही है। भारतीय सेना द्वारा आए दिन आधुनिक हथियारों परीक्षण किया जाता रहता है। ऐसा ही कुछ अब देखने को मिला है। भारतीय वायुसेना ने देश में बने एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम आकाश का परीक्षण किया है। बता दें कि एलएसी पर चीनी वायुसेना की ओर से कुछ हरकतें देखी गईं थीं। इसके बाद भारत ने आकाश के परीक्षण को इसका जवाब माना जा रहा है। भारत चीन को संदेश देने की कोशिश है कि अगर हवा में भी एलएसी को पार करने की जुर्रत की तो हमारी तैयारियां पूरी हैं।
इगला मिसाइल का भी परीक्षण किया-
बता दें कि भारत ने यह टेस्टिंग नियमित अभ्यास के तहत आंध्र प्रदेश में सूर्यलंका एयरफोर्स स्टेशन पर मंगलवार को किया गया। जानकारी के मुताबिक अभ्यास के दौरान करीब दस मिसाइल दागी गईं और इनमें सभी ने अपने लक्ष्य को निशाना बनाया। टकराव की स्थिति में आकाश मिसाइल हवा में दुश्मन के विमान को निशाना बनाने में सक्षम है। आकाश मिसाइल के साथ ही वायुसेना ने कंधे पर रखकर छोड़ी जाने वाली रूस में बनी इगला मिसाइल का परीक्षण किया। जानकारी के लिए बता दें कि यह दोनों ही सिस्टम इस पर पूर्वी एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। इसका मतलब है कि दुश्मन की ओर से हवा में हरकत करने की थोड़ी सी भी कोशिश की गई तो वायुसेना इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर-
वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ (वीसीएएस) एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने मंगलवार को यह अभ्यास देखा। एयर मार्शल अरोड़ा ने वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए भाग लेने वाले लड़ाकू स्क्वाड्रन को उनके कौशल के लिए शाबाशी दी। बता दें कि सतह से हवा में मार करने वाले इस विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है और यह अपने साथ 60 किलो तक आयुध ले जाने में सक्षम है।