माले। पड़ोसी देश मालदीव में एक बार फिर राजनीतिक संकट उत्पन्न हो सकता है। पूर्व राष्ट्रपति नाशीद के नेतृत्व वाली देश की मुख्य विपक्षी मालदीव डेमोक्रैटिक पार्टी ने चीन के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) का कड़ा विरोध किया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बता दें कि बुधवार को यह समझौता बिना किसी बहस के एक घंटे में ही संसद में पारित हो गया। वैसे चीन और मालदीव के बीच भुगतान संतुलन हमेशा से चीन के पक्ष में रहा है। अब इस बात की चिंता जताई जा रही है कि एफटीए से आगे भी घाटा बढ़ता जाएगा और मालदीव में भी श्रीलंका की तरह का कर्ज संकट पैदा हो सकता है।
वहीं पड़ोसी देशों में भावी आर्थिक संकट पैदा होने के मसले ने दिल्ली को भी सतर्क कर दिया है। इससे भारत की चिंता बढ़ गई है। दरअसल चीन अपने जाल में भारत के निकट पड़ोसियों को फंसा रहा है ताकि उसका मकसद पूरा हो सके। चीन मादीव में अपना नैसैनिक अड्डा बनाना चाहता है। इसी वजह से वह दरियादिली दिखाकर उसे अपने पाले में रखना चाहता है।
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