गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच लगातार संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी वजह दोनों देशों ने एलएसी पर अपनी-अपनी सेना लगाई हुई है। हलातों को देखते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत की जा रही है। लेकिन अभी तक इस बातचीत का कोई हल निकलकर नहीं आया है।लद्दाख में भारत और चीन के बीच उपजे तनाव को देखते हुए इस इलाके में मौजूद दौलत बेग ओल्डी का इलाका एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के सबसे ऊंचे इलाके के रूप में मशहूर DBO को सामरिक महत्व के सबसे महत्वपूर्ण इलाके के रूप में जाना जाता है।
र्वी लद्दाख के इस इलाके में दुनिया की सबसे ऊंची एयरस्ट्रिप भी मौजूद है, जिसपर भारत का आधिपत्य है। चीन से संघर्ष की स्थितियों में मालवाहक जहाजों से लेकर लड़ाकू विमानों की पहुंच के लिए इस स्ट्रिप को सामरिक रूप में बेहद खास माना जाता है।
1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान बनाई गई दौलत बेग ओल्डी की हवाई पट्टी पर कुछ साल पहले भारतीय वायु सेना के सुपर हरक्युलिस विमान उतारे गए थे। इसके अलावा यहां पर कई बड़े लड़ाकू जहाजों की भी लैंडिंग करा गई थी। ऐसे में इस एयरस्ट्रिप पर लैंडिंग और ऑपरेशन के पुराने अनुभवों के कारण एयरफोर्स को युद्ध के दौरान बड़ा एडवांटेज मिल सकता है।
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दौलत बेग ओल्डी से वास्तविक नियंत्रण रेखा की कुल दूरी सिर्फ 7 किलोमीटर है। जिस देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि, भारत चीन को इसी इलाके से तगड़े झटके दे सकता है। और भारत ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है।