देहरादून। पीएम मोदी की क्लाइमेट जस्टिस की अवधारणा के साथ देश जलवायु परिवर्तन के मामले में विश्व की अगवाई करेगा क्लाइमेट जस्टिस नैतिक मूल्यों से जुड़ा मामला है। पर्यावरण से तालमेल बैठाना हमारे डीएनए में है। वर्तमान में पूर्वजों के ज्ञान को ढंग से लागू करने की जरूरत है। यह बातें केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देहरादून में कही।
बता दें कि डॉ. हर्षवर्धन यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। उनका कहा कि हमारा देश विश्व को पर्यावरण सरंक्षण का एक आदर्श मॉडल देगा। कहा कि उत्तराखंड के पर्यावरणीय मुद्दों और इको सेंसिटिव जोन के मामलों पर केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बताए सभी मुद्दों पर मंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने उत्तराखंड से जुड़े इको सेंसिटिव जोन ऑल वेदन रोड निर्माण में पेड़ो के कटा, नदियों, में हो रहे अवैध खनन आदि मामलों पर कहा कि सिद्धांतों के अनुरूप सारे कार्य किए जाएंगे।
वहीं पर्यावरण सरंक्षण को केंद्र प्रतिबंद्ध है लेकिन विकास भी अवरूद्ध नहीं होने दिया जाएगा। पर्यावरण सरंक्षण और विकास दोनों के लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा। इसके बाद डॉ, हर्षवर्धन वन अनुसंधान की बोर्ड बैठक में आमजन के लिए उपयोग शोधों पर काम करने के लिए प्रेरित किया।