राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वियतनाम की यात्रा के दौरान एक मीडिया वक्तव्य में कहा कि भारत और वियतनाम रक्षा, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, बाहरी अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तेल एवं गैस, संरचना विकास, कृषि और नवाचार आधारित क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाएंगे। कोविंद ने कहा कि वियतनाम के राष्ट्रपति फू ट्रॉंग के साथ उनकी बातचीत बहुत सकारात्मक और रचनात्मक रही।राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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कोविंद ने कहा कि दोनों देश रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाएंगे और इस दिशा में वियतनाम के सशस्त्र बलों को भारत में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वियतनाम तटरक्षक के लिए हाई स्पीड गश्ती जहाजों के संबंध में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर ऋण दिए जाने की प्रक्रिया की समीक्षा भी की गई। साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के हर रूप की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस खतरे के विरुद्ध पूरी दुनिया के साथ खड़े हैं। दोनों देश समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए जल्द वार्ता शुरू करेंगे।
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आर्थिक और औद्योगिक पहलों का उल्लेख करते हुए राम नाथ कोविंद ने कहा कि दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में बढ़ते आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत-वियतनाम आर्थिक रिश्तों में इजाफा हो रहा है। दोनों देशों के बीच पिछले वर्ष 12.8 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। कोविंद ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2020 तक 15 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
कोविंद ने यात्रा को लेकर खुशी जताई
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में दक्षिण-पूर्व एशिया और आसियान क्षेत्र की यह उनकी पहली यात्रा है। उन्होंने कहा कि वियतनाम के तत्कालीन राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने 1958 में भारत की 11 दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा की थी। कोविंद ने कहा कि मैं इस यात्रा के 60 वर्ष के बाद वियतनाम आया हूं। कोविंद ने कहा कि मुझे खुशी है कि आसियान क्षेत्र की मेरी पहली यात्रा वियतनाम से शुरू हुई।