नई दिल्ली। तू डाल-डाल, मैं पात-पात, आपने इस मुहावरा को जरूर सुना होगा कुछ ऐसा ही कदम अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाया है। जहां एक तरफ खुद को आतंकवादियों की पनाहगाह बनने से रोकने के लिए पाकिस्तान चीन का साथ ले रहा है तो वहीं अब अमेरिका ने चीन को ही घेरने के लिए जाल बिछनाने का मन बनाया है, जिसके लिए अमेरिका ने भारत का साथ मांग है वहीं भारत भी चीन को घरेने के लिए अमेरिका का साथ देने को तैयार हो गया है।
दरअसल पाकिस्तान को बार-बार बचाने के चक्कर में चीन कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी किरकिरी करवा चुका है। चीन ने कुख्यात आतंकी मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की भारत की नीति पर कई दफा पानी फेरा, इसलिए अब भारत और अमेरिका दोनों ने ही मिलकर पाकिस्तान को घेरने का मन बना लिया है। मसूद अजहर के मामले को लेकर ही भारत-अमेरिका अब एक दूसरे के और करीब आ गए हैं। इन दोनों देशों की नई नीति के मुतााबिक चीन पर नकेल कसने के उस पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा, बल्कि ये देखा जाएगा की जैश-ए-मोहम्मद और उसके जैसे सभी आतंकवादी संगठनों को कमजोर कैसे किया जाए।
भारत-अमेरिका ने अपनी इस नई नीति के तहत दिसंबर में भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच मुलाकात होगी और इस नई रणनीति के लिए प्लान तैयार किया जाएगा। इसमें सभी आतंकवादी संगठनों पर दबाव बनाकर रखने की प्लानिंग होगी और ये तय किया जाएगा की किन-किन आतंकवादियों पर बैन लगाने की मांग संयुक्त राष्ट्र में उठनी चाहिए। बता दें कि इस नई रणनीति को लेकर पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच में पहली ही मुलाकात हो चुकी है। दोनों नेताओं की बैठक में ये तय हुआ था कि अल कायदा, आईएसआईएस, जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तय्यबा, डी कंपनी और उनके जैसे बाकी आतंकी संगठनों के खिलाफ दोनों देश एकजुट हैं।