नई दिल्ली। अगले हफ्ते जापान में होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान जाएंगे। वित्तीय स्थिरता, डब्ल्यूटीओ सुधार, कालाधन और आतंकवाद का मुद्दा बैठक में भारत के एजेंडा में शीर्ष पर होगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष, यूरोपीय संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे। मोदी जापान के ओसाका में 28-29 जून को 14 वें जी- 20 शिखर सम्मेलन में शरीक होंगे।
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि ओसाका में विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के 14 वें सम्मेलन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु भारत के शेरपा होंगे। कुमार ने कहा, “यह छठा मौका है,जब प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें भाग लेने के अलावा वह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें भी करेंगे, जिसकी घोषणा आगे की जाएगी।”
मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात करने की संभावना है। पिछले महीने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप से यह पहली मुलाकात होगी। दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात काफी ध्यान आकर्षित करेगी।
प्रभु ने कहा, ”लंबे समय से, खासतौर पर 2008 की आर्थिक मंदी के बाद जी-20 एक बहुत महत्वपूर्ण वैश्विक मंच हो गया है।” उन्होंने कहा कि जी-20 के सदस्य देश विश्व की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में करीब 85 प्रतिशत का योगदान करते हैं। प्रभु ने सम्मेलन में भारत के एजेंडा के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय सुरक्षा, बहुपक्षवाद में सुधार करना और विश्व व्यापार संगठन(डब्ल्यूटीओ) में सुधार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेगा।