नई दिल्ली। देश अपनी सुरक्षा संबंधी तकनीक बढ़ाने को लेकर अथक प्रयास कर रहा है। आए दिन किसी न किसी मिसाइल का परीक्षण होता रहता है। अब भारत के पास अमेरिका, चीन और अन्य शक्तिशाली देशों जैसे हथियार हैं। भारत अपनी सुरक्षा शैली को और बढ़ाने के लिए दूसरे देशों से आधुनिक तकनीक से लैंस हथियार खरीद रहा है। वहीं भारत ने अपनी सबसे खतरनाक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण 24 नवंबर यानी आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक अज्ञात द्वीप से किया गया। मिसाइल से इस द्वीप समूह के एक अन्य वीरान द्वीप पर लगाए गए टारगेट को ध्वस्त किया गया। मिसाइल ने तय समय में अपने टारगेट को नेस्तानाबूत कर दिया।
ब्रह्मोस मिसाइल 28 फीट लंबी-
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल 28 फीट लंबी है। यह 3000 किलोग्राम वजन की है। इसमें 200 किलोग्राम के पारंपरिक और परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं। यह 300 किलोमीटर से 800 किलोमीटर तक की दूरी पर बैठे दुश्मन पर अचूक निशाना लगाती है। इसकी गति इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है। यह 4300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करती है। यानी 1.20 किलोमीटर प्रति सेकेंड। इसके छूटने के बाद दुश्मन को बचने का या हमला करने का मौका नहीं मिलता। इस मिसाइल को रूस और भारत ने मिलकर बनाया है। लेकिन अब रूस ने इस मिसाइल के निर्यात की अनुमति दे दी है। अब भारत की ये शानदार मिसाइल वियतनाम में तैनात हो सकेगी। इससे दक्षिण चीन सागर में चीन को थो़ड़ा संभलकर रहना होगा ब्रह्मोस के निर्यात की अनुमति ऐसे समय मिली है जब चीन के पड़ोसी देश वियतनाम ने भारत से यह मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई है। वियतनाम भारत से ब्रह्मोस और आकाश एयर डिफेंस मिसाइलें लेना चाहता है। अगर डील हुई तो वियतनाम ये दोनों मिसाइलें अपने देश की सुरक्षा के लिए तैनात कर देगा। इससे चीन का खौफ दक्षिण चीन सागर और उसके आसपास के इलाके में कम होगा। साथ ही वियतनाम के साथ भारत का संबंध और मजबूत होगा।
मिसाइल की रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया गया-
सोशल मीडिया पर भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को बधाइयां मिलने लगी हैं। लोग डीआरडीओ के रक्षा वैज्ञानिकों की इस सफलता की तारीफ कर रहे हैं। चीन से करीब 8-9 महीने से सीमा विवाद और तनातनी के बीच पिछले कुछ दिनों में भारत ने कई मिसाइलों, टॉरपीडो, एंटी-मिसाइल सिस्टम आदि का सफल परीक्षण किया है। आज हुए परीक्षण का मकसद था मिसाइल के रेंज को बढ़ाना। जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया गया है। चीन से परेशान तटीय देशों ने करीब एक दशक पहले ही भारत से आग्रह किया था कि वह उन्हें ब्रह्मोस मिसाइल दे। हालांकि चीन ने भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार आदि को कई तरह के संवेदनशील हथियारों का निर्यात कर भारत की सुरक्षा पर आंच डाली है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।