ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर सभी में खौफ है. भारत में भी इस नए स्ट्रेन के मामले मिले हैं. ये स्ट्रेन उन लोगों में पाया गया है जो ब्रिटेन से भारत लौटे थे. लेकिन अब एक अच्छी खबर सामने आई है. भारत विश्व का अकेला देश बन गया है जहां इन नए स्ट्रेन को अलग करने में सफलता मिली है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. आईसीएमआर ने ट्वीट कर ये जानकारी दी.
India successfully cultures the new viral strain on the horizon (UK-variant of SARS-CoV-2). #ICMRFIGHTSCOVID19 #IndiaFightsCOVID19 #CoronaUpdatesInIndia #COVID19 #Unite2FightCorona @MoHFW_INDIA @PIB_India @DrHVoffice @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @icmr_niv pic.twitter.com/vaCMQMSHOJ
— ICMR (@ICMRDELHI) January 2, 2021
आईसीएमआर ने ट्वीट में लिखा कि ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है.
क्या है ‘कल्चर’?
‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और सामान्य तौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है.
आईसीएमआर द्वारा दी गई जानकारी
-सार्स-cov-2, वायरस जो कोविड-19 का संक्रमण फैला रहा था. उसे देश में महामारी के शुरुआती दिनों के बाद से आईसीएमआर-प्रयोगशालाओं के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा था.
-uk-variant परिवर्तन के साथ, अब सफलतापूर्वक वायरोलॉजी के राष्ट्रीय संस्थान में सुसंस्कृत है. जोकि ब्रिटेन से आए यात्रियों में मिले.
-किसी भी देश ने अभी तक ब्रिटेन के सफल अलगाव और संस्कृति की सूचना नहीं दी है.
-वेरो सेल लाइनों का उपयोग आईसीएमआर-एनआईवी के वैज्ञानिकों द्वारा वायरस के यूके-वैरिएंट को संस्कृति देने के लिए किया गया था
यही नहीं आईसीएमआर ने ये भी दावा किया है कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाए गए सार्स-कोव-2 के नए प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ नहीं किया है. आपको बता दें ब्रिटेन में हाल ही में कोरोना का नया स्ट्रेन पाया गया. ब्रिटेन के आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की. साथ ही ये भी बताया गया कि ये स्ट्रेन 70 फीसदी तक अधिक संक्रामक है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोव-2 के इस नए ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.