नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर के उरी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के सीमापार से जुड़े होने के सबूत सौंपे। हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अब्दुल बासित को तलब किया और उन्हें दो गाइड का ब्यौरा सौंपा और कहा कि इन दोनों ने आतंकियों को 18 सितम्बर को उरी सैन्य शिविर तक पहुंचाने में मदद की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में बताया, विदेश सचिव ने उरी हमले के सीमा पार से सूत्रपात का सबूत पेश किया। स्वरूप ने कहा कि बासित को बताया गया कि दोनों गाइड को उरी में गांव वालों ने पकड़ा था और वे भारत की हिरासत में हैं।
Foreign Secretary calls in Pakistan HC Basit today & presents proof of Cross border origins of #UriAttacks.1/n
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 27, 2016
अधिकारियों ने उनकी पहचान यासीन खुर्शीद (19) के रूप में की है जो मुजफ्फराबाद के खिलियाना कलां का रहने वाला है। दूसरे की पहचान फैजल हुसैन अवान (20) के रूप में की गई है। इसके पिता का नाम गुल अकबर है और यह मुजफ्फराबाद के पोथा जहांगीर का रहने वाला है।
मुजफ्फराबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी है और इसे भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकी गुटों के अभयारण्य के रूप में जाना जाता है। गत 18 सितम्बर को उरी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले में मारे गए चार आतंकियों के बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान से आए थे। पाकिस्तान ने इन हमला करने वालों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है।