लंदन। भारत में महिलाओं की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और लोग दोनों को एक समान समझने लगे हैं, ये कहना है विश्व इकोॉमिक फोरम का। हर साल जेंडर गैप इंडेक्स जारी करने वाले फोरम ने इस बार भारत को 21 पायदान फिसाल कर 108वें पायदान पर रखा है। इसके पिछले साल भारत 129वें स्थान पर था। हालांकि अर्थवस्वस्था में महिलाओं की कम भागीदारी और मामूली वेतन के चलते भारत रैंकिंग में चीन और बांग्लादेश से पिछड़ गया है।
फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2017 के मुताबिक भारत ने महिला और पुरुषो के मामले में 67 फीसदी अंतर पाटने में सफलता हासिल की है, लेकिन ये सफलता चीन और बांग्लादेश से भी फीकी है। फोरम ने बांग्लादेश को 47वें और चीन को 100वें स्थान पर रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं और पुरुषों के बीच की खाई पिछले एक दशक से कम हो रही थी, जिसका रिकॉर्ड अब जाकर टूट गया है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस रफ्तार को देखकर लगता है कि वैश्विक स्तर पर महिलाओं और पुरुषों के बीच की खाई को पाटने के लिए कम से कम 100 साल लगेंगे। बता दें कि ये रिपोर्ट फोरम ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्यस्थल और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के चार मानकों के आधार पर तैयार की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक दशक तक धीमी प्रगति के बाद साल 2017 में इस असमानता को दूर करने के सभी प्रयास रुक से गए हैं। फोरम ने कहा कि साल 2006 के बाद से पहली बार ये अंतर बढ़ा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला-पुरुष असमानता 68 फीसदी खत्म हुई है, जोकि पिछले साल 2016 में 68.3 फीसदी थी।