न्यूयॉर्क। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के देशों ने आतंकवाद को लेकर एक साथ भारत का एकजुट होकर समर्थन किया। ऐसा लगता है कि इस बार भी सार्क की बैठक नहीं होगी। बीते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सालाना बैठक के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सार्क देशों के प्रतिनिधियों के सात मुलाकात की। इस बैठक में आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा। जिसमें सभी देशों ने भारत का समर्थन किया। एक सीनियर डिप्लोमेट्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने इस बैठक में सार्क सम्मेलन की मेजबानी का मुद्दा उठाया है। पाक का कहना है कि वो बहुत जल्द सार्क सम्मेलन की बैठक को आयोजित करना चाहता है।

बता दें कि हालांकि एक दूसरे प्रतिनिधि का कहना है कि सार्क देशों की बैठक का ये अभी सही समय नहीं है। इस बात पर वहां बैठे सभी लोगों ने इस बात पर सहमति जताई। हकीकत में सभी का कहना है कि जब तक स्थिति सुधर नहीं जाती तक तब कार्क बैठक का करना सही नहीं है। सार्क बैठक की मेजबानी पाक को नहीं करनी चाहिए।
वहीं साल 2016 में पाक को सार्क देशों की मेजबानी करनी थी। लेकिन भारत के समिट में भाग न लेने के फैसले के बाद बांग्लादेश, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा उठाते हुए सार्क बैठक से खुद को अलग कर लिया था। जिसके बाद सार्क बैठक को रद्द कर दिया गया था। हालांकि इस साल भी सार्क बैठक को लेकर कोई पहल नहीं दिख रही है। जिसको लेकर ये कहा जा सके कि इस साल सार्क सम्मेलन होगा या नहीं। सार्क समिट का आयोजन नवंबर महिने में होती है। वहीं सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 72वीं सालाना बैठक को संबोधित करेंगी। जिसमें वो क्षेत्रीय इलाकों में खुशहाली, संपर्क, सहयोग और शांति को लेकर बात करेंगी।