नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम दौरे पर जाएंगे और ब्रह्मपुत्र पर बने पुल को देश को समर्पित करेंगे। ब्रह्मपुत्र की सहायक लोहित नदी पर बने ढोला-सदिया ब्रिज की कुल लंबाई 9.15 किमी है। यह पुल शुरू हो जाने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सड़क संपर्क स्थापित हो जाएगा।
ब्रह्मपुत्र पर बने पुल की खास बातें
ढोला-सदिया 9.15 किलोमीटर लंबा है और देश की ही नहीं एशिया का सबसे लंबा पुल है।
एशिया का ये सबसे लंबा पुल असम तिनसुकिया जिले में बना है। ये मुंबई बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से 30 फीसदी ज्यादा लंबा है।
ये पुल लोहित और ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है, लोहित ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी है।
ब्रहमपुत्र पर बना या चौथा पुल है इससे उत्तर-पूर्व के राज्यों में आना-जाना आसान हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ सेना को होगा। इससे असम से अरुणाचल स्थित पोस्ट्स किबिथू, वलांग और चगलागाम जाने में सेना का तीन से चार घंटे का समय बचेगा।
इस पुल से 60 टन के सेना के टैंक बड़ी आसानी से जा सकेंगे।
इस पुल के माध्यम से सैन्य साजो सामान को आसानी से अरुणाचल प्रदेश के अनिनी के सामरिक ठिकाने तक पहुंचाया जा सकेगा। यह इलाका चीन की सीमा से सिर्फ 100 किलीमोटर दूर है।
इसपर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।
इस पुल से उस इलाके में कन्क्टिविटी बढ़ जाएगी, इससे पहले ब्रह्मपुत्र को पार करने का माध्यम सिर्फ नाव होती थी वो दिन के समय पार कर सकते थे रात में नहीं। बाढ़ और ज्यादा बारिश की स्थिति में तो वो भी संभव नहीं था।
इस पुल को बनाने का काम 2011 में हुआ था, पुल के लिये योजना में 876 करोड़ रुये का बजट रखा गया था। इसे साल 2015 में पूरा किया जाना था, लेकिन 2017 में पूरा हुआ और 1000 करोड़ में बनकर तैयार हुआ।
इस पुल के बनने से असम के नेशनल हाइवे-37 में रूपाई और अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-52 में मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
सृष्टि विश्वकर्मा…