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भ्रष्ट देशों की लिस्ट में 85वें नंबर पर भारत, पिछले साल से एक पायदान आया ऊपर

भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडेक्स ने 2021 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। भारत इसमें 85वें नंबर पर है। उसे 40 अंक मिले हैं।

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पिछले साल भी भारत को 40 नंबर ही मिले थे, लेकिन रैंकिंग 86 थी। पिछले 6 साल की बात करें तो भारत 9 पायदान नीचे आया है। 2015 में उसकी रैंकिंग 38 नंबरों के साथ 76 थी।

दूसरे देशों की लिस्ट

पड़ोसी मुल्कों की बात करें तो भूटान सबसे अच्छी स्थिति में हैं। यह देश 68 अंकों के साथ 25वें नंबर पर है। चीन ने अपनी स्थिति में काफी सुधार किया है। पिछले साल इसकी रैकिंग 78 थी, जो इस बार 66 आई है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 16 नंबर नीचे पहुंचकर 140वें नंबर पर पहुंच गया है। यहां उसका साथ देने के लिए म्यांमार मौजूद है। इसके अलावा श्रीलंका 102, नेपाल को 117 और बांग्लादेश 147वें नंबर पर है।

तालिबान राज में बढ़ा करप्शन
तालिबान राज में अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार थोड़ा बढ़ा है। 2020 में यह 19 अंकों के साथ 165वें नंबर पर था। इस साल 180 देशों की लिस्ट में 174वें नंबर पर है। उसका स्कोर 16 है। मालदीव भारत की बराबरी से 85वें नंबर पर है। यूरोपीय देशों में करप्शन और मानवाधिकारों के हालात बहुत बेहतर हैं। यही वजह है कि इस रेटिंग में इन्हीं देशों का दबदबा कायम है।

रेटिंग तय करने का तरीका
इस इंडेक्स में 0 से 100 अंकों के बीच रेटिंग दी जाती है। जिस देश के नंबर जितने ज्यादा होते हैं, वो सबसे कम करप्ट माना जाता है। जिन देशों के नंबर कम होते हैं, उनमें भ्रष्टाचार ज्यादा माना जाता है। मिसाल के तौर पर अगर किसी देश के नंबर 0 हैं तो वहां सबसे ज्यादा करप्शन माना जाएगा। दूसरी तरफ, अगर किसी देश के नंबर 100 हैं तो इसके मायने ये हुए कि वहां करप्शन बिल्कुल नहीं है।

कोरोना का पड़ा असर !
CPI 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक- दुनिया में करप्शन को कम करने के उपाय धीमे पड़ते नजर आ रहे हैं। मानवाधिकार और लोकतंत्र पर भी हमले हो रहे हैं। कुछ देश कोविड-19 का बहाना बनाकर बुनियादी तौर पर आजादी को काबू में लाने की कोशिश कर रहे हैं। 131 देशों ने 10 साल करप्शन पर काबू पाने की कोई खास कोशिश नहीं की। दो तिहाई देश ऐसे हैं जिनका स्कोर 50 से कम है और यहां ये बहुत बड़ा मुद्दा है।

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