स्पुतनिक-V की भारत हर साल बनाएगा 100 मिलियन डोज, रूस और भारत में हुआ समझौता

नई दिल्ली। जैसा कि आप सभी जानते है कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। अभी तक कोरोना से बचाव के लिए कोई भी वैक्सीन पूर्ण रूप से नहीं बन पाई है। इसी बीच रूस ने स्पुतनिक-V नाम की वैक्सीन बना ली है। जानकारों के अनुसार यह वैक्सीन कोरोना के बचाव में लगभग 92 प्रतिशत प्रभावी है। कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत और रूस के बीच समझौता हुआ है। जिसमें भारत रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-V का उत्पादन करेगा। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V को कोविड-19 के खिलाफ अत्यंत प्रभावी बताया गया है। भारत रूस की वैक्सीन का 100 मिलियन डोज सालाना उत्पादन करेगा। रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और हैदराबाद की कंपनी हेटेरो बॉयोफार्मा के बीच समझौता हुआ है।
50 देशों को मुहैया कराई जाएगी ये वैक्सीन-
बता दें कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V के हवाले से दावा किया गया था कि उसने तीसरे चरण के मानव परीक्षण में 91.4 फीसद असर दिखाया है। वैक्सीन का मानव परीक्षण भारत में डॉ रेड्डी आरडीआईएफ के साथ पुराने समझौते के तहत करनेवाली है। मंजूरी मिलने बाद बेलारूस, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और दूसरे मुल्कों में तीसरे चरण का मानव परीक्षण जारी है और भारत ने दूसरे और तीसरे चरण के लिए वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंजूरी दी है। भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया के साथ कम से कम 50 देशों को वैक्सीन मुहैया कराएगा। आरडीआईएफ ने कहा है कि 2021 की शुरुआत में वैक्सीन उत्पादन शुरू करने का उसका इरादा है। आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिल दैमित्री ने कहा कि हमें आरडीआईएफ और हेटेरो के बीच समझौते का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है। समझौते से भारत की जमीन पर अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित स्पुतनिक-V वैक्सीन के उत्पादन का रास्ता तैयार होगा।
भारत करेगा 100 मिलियन डोज का सालाना उत्पादन-
हेटेरो के वरिष्ठ अधिकारी बी मुराली कृष्णा रेड्डी ने बयान जारी किया, “जबकि हम भारत में मानव परीक्षण की तरफ देख रहे हैं, ऐसे में हमें विश्वास है कि स्थानीय स्तर पर प्रोडक्ट के उत्पादन से मरीजों तक जल्दी पहुंच संभव हो सकेगा। उन्होंने ये भी बताया, “ये सहयोग कोविड-19 के खिलाफ जंग में हमारी प्रतिबद्धता का अगला कदम है। भारत के प्रधानमंत्री की मुहिम ‘मेक इन इंडिया’ के उद्देश्य को साकार करने के लिए हमारा संकल्प है। क्रिल दैमित्री ने हेटेरो के सहयोग पर शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि उत्पादन क्षमता को बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा सकेगा। इससे भारत के लोगों को महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में कुशल समाधान मिलेगा।