नई दिल्ली – डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने रविवार को एक और ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसने इंडियन नेवी के स्वदेशी INS चेन्नई से अरब सागर में मौजूद अपने टारगेट को पिन प्वाइंट पर सटीकता के साथ हिट किया। बता दें कि ये वही मिसाइल है जिसे भारत अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन से लगने वाली सीमाओं पर पहले ही तैनात कर दिया है।
इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। ब्रह्मोस की मदद से स्वदेशी युद्धपोत को और ताकत मिलेगी। इसकी मदद से लंबी दूरी पर स्थित टारगेट को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकेगा। इस बीच अब नौसेना ने इसका एक वीडियो जारी किया है। जिसे देख आप भारतीय होने पर अपने आप पर गर्व महसूस करेंगे।
#IndianNavy Guided Missile Destroyer #INSChennai fired #BrahMos supersonic AShM during ongoing #WesternFleet exercises. Target engaged at max range, with destructive effect.#AtmaNirbharBharat @SpokespersonMoD @DefenceMinIndia @PMOIndia @DRDO_India pic.twitter.com/i0rErDkibz
— SpokespersonNavy (@indiannavy) October 19, 2020
क्या है वीडियो में –
नौसेना द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि ब्रह्मोस मिसाइल आईएनएस चेन्नई से निकलकर अपने लक्ष्य को भेदने के लिए आसमान में जा रही है। वीडियो से ब्रह्मोस की शक्ति का पता चलता है। परीक्षण में आप देख सकते है कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ने अपने टार्गेट को पूरी सटीकता के साथ मारता नजर आ रहा है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की खासियतें –
– ब्रह्मोस प्रमुख हमलावर शस्त्र के रूप में लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद कर युद्ध पोत की अपराजेयता को सुनिश्चित कर सकता है। इस तरह विध्वंसक युद्ध पोत भारतीय नौसेना का एक और घातक प्लेटफार्म बन जाएगा।
– ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत-रूस का संयुक्त उद्यम है। यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन कर रहा है, जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से दागी जा सकती हैं।
– इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी (जो मूल रूप से थी) से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है।