आज 26 नवम्बर है और देश आज अपना संविधान दिवस मना रहा है. ये दिन बेहद खास है. 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने स्वयं के संविधान को स्वीकृत किया था. दो महीने बाद 26 जनवरी, 1950 से यह पूरे देश में लागू हो गया. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की पहल पर 1979 से संविधान सभा द्वारा नये संविधान को मंजूरी देने के इस अत्यंत खास दिन को देश में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाए जाने लगा. 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गजट नोटिफिकेशन द्वारा संविधान दिवस मनाने की पहल की.
ये दिन एक तरह से देश के पहले कानून मंत्री डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है, जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. संविधान की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे. संविधान सभा के सदस्यों का पहला सेशन 9 दिसंबर 1947 को आयोजित हुआ. इसमें संविधान सभा के 207 सदस्य थे.
विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढ़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं. यह हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं. इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था. संविधान लिखित सिद्धांत, मौलिक सिद्धांत, अधिकार सरकार और नागरिकों के कर्तव्य आदि का जिक्र है. संविधान दिवस मनाने का मकसद नागरिकों को संविधान के प्रति सचेत करना, समाज में संविधान के महत्व का प्रसार करना है.
पीएम मोदी करेंगे संबोधित
संविधान दिवस के मौके पर आज पीएम मोदी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री आज देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. ये कार्यक्रम दोपहर 12.30 बजे शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सभी विधानसभा के सभापति और पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करेंगे. देश के जिला तथा बूथ केन्द्रों पर पार्टी कार्यालयों में पार्टी कार्यकर्ता पीएम का संबोधन सुनेंगे. एक जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री दोपहर साढ़े 12 बजे देश की सभी विधानसभाओं के सभापतियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे. जिला एवं बूथ केंद्रों पर पार्टी कार्यकर्ता टेलीविजन, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री का संबोधन सुनेंगे.