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चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने बढ़ाई अपनी सैन्य ताकत, जल्द आने वाले है ये विशाल विमान

air force चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने बढ़ाई अपनी सैन्य ताकत, जल्द आने वाले है ये विशाल विमान

गलवान घाटी में चीन के बीच बढ़ रहे गतिरोध को लेकर भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में जुटा है।

नई दिल्लीः गलवान घाटी में चीन के बीच बढ़ रहे गतिरोध को लेकर भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में जुटा है। 29 जुलाई को राफेल विमान की पहली खेप फ्रांस से भारत पहुंचने वाली है। इसी बीच यह भी खबर है कि भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमान को फ्रांसीसी मिसाइल हैमर से लैस करने की तैयारी में है। ऐसा करने से राफेल की मारक क्षमता में और भी वृद्धि हो जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सशस्त्र बलों को दी गई खरीदारी की आपातकालीन शक्तियों के तहत हैमर मिसाइलों का ऑर्डर दिया गया है। यह ऊंचाई वाले इलाकों में 60 किमी और निचले इलाकों में 15 किमी तक मार करने में सक्षम है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ‘हैमर  मिसाइलों के लिए आदेश जारी किया जा रहा है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने कम समय में राफेल लड़ाकू विमानों के लिए इसकी आपूर्ति पर सहमति जताई है। वायु सेना द्वारा इन मिसाइलों की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए फ्रांसीसी अधिकारी मौजूदा स्टॉक से भारत को ये मिसाइल सिस्टम मुहैया कराएंगे, जो उन्होंने अपने कुछ अन्य ग्राहकों के लिए तैयार किए थे। हमर का पूरा नाम Highly Agile Modular Munition Extended Range है। HAMMER मिसाइल एक मध्यम रेंज की एयर टू ग्राउंड मिसाइल है, जिसे फ्रांसीसी वायु सेना और नौसेना के लिए डिजाइन व निर्मित किया गया था।

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यह भारत को पहाड़ी क्षेत्रों सहित किसी भी इलाके में किसी भी बंकर या ठिकानों पर हमले की क्षमता को बढ़ाने में सक्षम है। इस संबंध में जब वायुसेना के एक प्रवक्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से  इनकार किया। गौरतलब है अगले बुधवार ( 29 जुलाई) को पांच राफेल विमान फ्रांस से भारत आने वाले हैं। इन लड़ाकू विमानों को एयरफोर्स के 17 कमांडर ऑफिसर उड़ाएंगे। उनकी ट्रेनिंग भी काफी पहले ही हो चुकी है।

वहीं पहले विमानों की डिलीवरी मई के अंत तक होने वाली थी, लेकिन दोनों देशों में कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इसे दो महीने के लिए टाल दिया गया था। भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते के तहत 36 राफेल जेट सितंबर 2022 तक आने वाले हैं। वायुसेना के पायलट और तकनीकी अधिकारी राफेल की उड़ान से लेकर संचालन को लेकर पूरी तरह प्रशिक्षित हो चुके हैं।

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