न्यूयॉर्क। पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का बचाव करने को लेकर भारत ने चीन की आलोचना की है। इस मामले को लेकर भारत ने चीन की आलोचना करते हुए कहा है कि चीन संकीर्ण राजनीतिक और सामरिक फायदे के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर रोड़ा अटकाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए सभी देश सहयोग नहीं कर रहे हैं। कुछ देश अपने संकीर्ण राजनीतिक एवं सामरिक फायदे में लगे हुए हैं।
सैयद ने कहा कि आतंकवादियों और संस्थाओं को महफूज ठिकानें मुहैया कराने जैसे गंभीर विषय पर परिषद प्रतिबंध समितियां कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। पिछले महीने चीन ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल करके मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की कोशिश को नाकाम कर दिया था। बता दें कि अजहर पठानकोट में स्थित वायुसेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है और इस समय पाकिस्तान में रह रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए आतंकवाद एक आम चुनौती है जिस पर इस परिषद को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा प्रतित होता है कि इस खतरे तो राष्ट्र और समाज के लिए गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
आतंकवाद के वैश्वीकरण के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। ये सीमा पार से संचालित की जाती है और “घृणित विचारधाराओं एवं कभी-कभी कथित शिकायतों” को फैलाने का काम करती है। इन संगठनों को सीमा पार से आर्थिक सहायता, हथियार और आतंकवादी मुहैया कराए जाते हैं। उन्होंने परिषद की वैधता और आज की जटिल चुनौतियों से निपटने में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हम उन साधनों से हमारा उद्धार नहीं कर सकते जो अब वैध नहीं माने जाते और जिनकी विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। नई चुनौतियों को हल करने के लिए हम पुराने तरीकों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।