नई दिल्ली। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उम्मीद जताई कि भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीन से बड़ा हो जाएगा। साथ ही दक्षिण एशियाई देशों में वह आधारभूत ढांचे के निर्माण में चीन से बेहतर स्थिति में होगा। डब्ल्यूईएफ में दक्षिण एशिया के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण विषय पर चर्चा के दौरान राजन ने कहा कि भारत की विकास दर तेजी जारी रहेगी जबकि चीन की रफ्तार मंद पड़ रही है। दोनों देशों के बीच यह प्रतिस्पर्धा दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए अच्छी है और इससे निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा।
बता दें कि उन्होंने कहा कि नेपाल और अफगानिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए चीन और भारत दोनों की ही मदद ले रहे हैं। यह क्षेत्रीय कंपनियों और बैंकों के लिए बेहतर अवसर है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां भारत निवेश कर रहा है लेकिन उसे यह दायरा और बढ़ाना होगा। उन्होंने उद्योगों को भी जरूरी कदम उठाने के लिए सरकार से बातचीत करने की सलाह दी।
वहीं राजन का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि चीन क्षेत्र में नेपाल और पाकिस्तान सहित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारत 2,590 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। वहीं चीन 12,230 अरब डॉलर जीडीपी के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।