नई दिल्ली। जासूसी का आरोप लगाकर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधन को फांसी की सजास सुनाने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर से भारत के साथ संबंधों को खराब कर रहा है। जाधव के कारण दोनों देशों के बीच दरार और बढ़ सकती है। इसी बीच भारत ने सभी तरह की द्विपक्षीय बातचीत अस्थायी तौर पर रोक दी हैं।
भारत ने जाधव मामले पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए शुक्रवार को भारत की ओर से दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर होने वाली प्रस्तावित बातचीत को तत्काल रद्द कर दिया गया है। भारत की ओर से पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि वो रविवार(16-04-17) को आने वाले पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के प्रतिनिधिमंडल की स्वागत नहीं करेगा।
भारत सरकार के सामने है ये विकल्प
-भारत सरकार के पास जाधव मामले में कानून के अनुसार अपील करने के लिए 60 दिन है।
-पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत सेना की ही अदालत में अपील करनी होगी।
-मेजर जनरल रैंक का अधिकारी फिर से सुनवाई करेगा।
-अगर यहां भी सजा बरकरार रहती है तो फिर सेना प्रमुख से माफी की मांग की जा सकती है।
-पाक राष्ट्रपति से सजा माफी की गुहार अंतिम रास्ता है।
पाक का दावा
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण पाकिस्तान में रॉ की तरफ से जासूसी करता था और कई आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त था। आपको बता दें कि इससे पहले लगातार पाकिस्तान कहता रहता था कि उसके पास कुलभूषण को दोषी करार देने के लिए उनके पास कोई सुबूत नहीं थे। उल्लेखनीय है कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई फांसी की सजा पर पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा ने अपनी मुहर लगा दी है। आईएसपीआर के मुताबिक, जाधव को गत साल 3 मार्च को बलूचिस्तान के मश्केल इलाके से गिरफ्तार किया गया था औ उनके उपर पाकिस्तान में जासूसी करने और सिंध व बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप है जो साबित हो गया है।