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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: महा मुकाबले में पस्त रही पाक टीम, भारत ने मारी बाजी

match चैंपियंस ट्रॉफी 2017: महा मुकाबले में पस्त रही पाक टीम, भारत ने मारी बाजी

नई दिल्ली। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और पाक के बीच मुकाबला शुरू होने से पहले कई तरह की बातें सामने आ रही थी। दोनों टीमें अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही थी। लेकिन जहां तक भारत के दावे की माने तो हमेशा की तरह इस बार भी पाक पर भारत की जीत का दावा सही साबित हुआ है। वैसे तो कभी भी पाक भारत से किसी भी बड़े मुकाबलें मे जीत नहीं पाया है। उसने हर बड़े मुकाबलें में भारत से शिकस्त खाई है। लेकिन जहां तक चैंपियंस ट्रॉफी की बात करें तो पाक टीम के साथ-साथ क्रिकेट जिस तरह से बड़ी टक्कर की बात कर रहे थे दरासल दोनों टीम के बीच ऐसी टक्कर देखी नहीं गई।

match चैंपियंस ट्रॉफी 2017: महा मुकाबले में पस्त रही पाक टीम, भारत ने मारी बाजी

लेकिन अगर पाकिस्तान की टीम के प्रदर्शन को देखते हुए बात की जाए तो टीम में ट्रॉफी जीतने का वो जनून दिखा ही नहीं। जिस जनून के लिए टीम जानी जाती है। इससे पहले भी कई बार भारत पाक को हरा चुका है लेकिन आखिर गेंद तक पाक की लगन और मेहनत देख कर लगता था कि टीम मैच को आखिर तक जीतने की उम्मीद लगए हुए है लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला जिससे ये लगे कि पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी जीतना चाहती है। इस मैच को पाक ने ऐसे हथियार डालकर खेला जैसे उसे पहले से ही पता हो कि जीत तो भारत की ही होने वाली है।

बता दें कि पाकिस्तान ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। पाकिस्तान टीम पहले से ही अपनी धारदार गेंदबाजी के लिए जानी जाती है। मैच की शुरूआत को देखते हुए लग रहा था कि जैसे दोनो टीमें 28 साल बाद एक दूसरे के आमने सामने आई हो। सभी को लग रहा था कि मैच काफी रोमांचक होने वाला है। लेकिन मैच के शुरूआत से ही पाकिस्तान टीम घुटने टेकती हुई नज़र आई और खिलाड़ियों में न तो मैच को जीतने का जनून नजर आया और न ही भारत को हराने का जज्बा। एजबेस्टन का मैदान बल्लेबाजों के लिए माकूल था। जिसका फायदा पूरी तरह से भारत ने उठाया और दिल खोल कर रन बटौरे। जिस तरह भाररतीय बल्लेबाज़ रन बटौर रहे थे और पाकिस्तानी गेंदबाज मैदान में त्रस्त नज़र आ रहे थे उससे साफ हो गया था कि पाक ने मैच खेलने से पहले ही हार को स्वीकार कर लिया है।

जिस तरह से भारत ने जीत हासिल की और और पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। वो पाकिसतानी खिलाड़ियों के मनोबल पर सवाल कड़े करता है। जिस वक्त पाक टीम के बल्लेबाजी की बारी आई तो उसे देख कर लगा कि अब पाक टीम मैच को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देगी। लेकिन अजहर के अलावा कोई और प्लेयर पीच पर टीक ही नहीं पाया। केवल अजहर को देख कर लग रहा ता कि मानों वो एक अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो मैच को जीतना चाहते हैं। बाकी हर प्लेयर को देखकर तो यही लग रहा था कि जैसे वो भारत के खिलाफ जीतने के लिए अपने बल्ले का इस्तेमाल ही नहीं करना चाहते। एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए और चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में पाकिस्तान को भारत के हाथों 124 रनों की शिकस्त खानी पड़ी।

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