एक महीन से भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिकों के साथ बर्ताव पर चल रहे विवाद को दोंनों देश ने खत्म करने निश्चय कर लिया है। दोंनों देशों ने इस मामले को बातचीत से खत्म करने का फैसला किया है। मार्च की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत पर अपने राजनयिकों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया था वहीं भारत ने भी पाकिस्तान पर भारतीय राजदूतों और उनके परिवार वालों के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया था
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आखिरकरार दोंनों देश इस बात पर राजी हो गए हैं कि इस मामले को ज्यादा तूल देने के बजाय खत्म कर देना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और पाकिस्तान 1992 की एक आचार संहिता के तहत इसे सुलझाने की राह पर आगे बढ़ेंगे।
भारत की घोषणा के बाद पाकिस्तान विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि राजनयिकों से बर्ताव से जुड़े 1992 के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत इस विषय का हल किया जाएगा। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत में अपने राजदूतों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए अपने राजदूत सुहैल महमूद को बुला लिया था. वहीं भारत ने भी कहा था कि पाकिस्तान में भारतीय राजदूतों को तंग किया जा रहा है।
पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी राजनायिकों और उनके परिवार को परेशान किया गया है। पकािस्तान डिप्टी कमीश्नर के बच्चों को स्कूल जाते समय रास्ते में रोक कर तंग किया गया। इसके अलावा दिल्ली में घूम रहे पाकिस्तान के सीनियर राजनयिक को परेशान किया गया।
इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ दिन पर दिन बिगड़ते रिश्तों के लिए बीजेपी सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान का कहना है कि वैसे तो हमेशा से ही दोंनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद रिश्ते और ज्यादा बिगड़ गए हैं। नियंत्रण रेखा (LoC) और सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है।