एजेंसी, इस्लामाबाद। खस्ताहाल हो चुके पाकिस्तान की जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर बढ़ाकर 12।25 फीसदी कर दिया है, इससे लोन की ब्याज दर बढ़ जाएगी। दूसरी तरफ, आईएमएफ से मिलने वाले राहत पैकेज के तहत यदि पाकिस्तान ने सभी शर्तों को मान लिया तो वहां कम से कम 10 लाख नौकरियों पर कैंची चल सकती है।
पाकिस्तान के केंद्रीय बैक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने सोमवार को घोषित अपनी मौद्रिक नीति में बेंचमार्क ब्याज दरों को 1।5 फीसदी बढ़ाते हुए 12।25 फीसदी कर दिया है। यह बढ़त 21 मई से लागू होगी। बैंक ने अपने बयान में कहा कि महंगाई की ऊंची दर और रुपये में भारी गिरावट को देखते हुए यह बढ़त जरूरी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बढ़त दर भी नरम ही रहने का अनुमान है।
हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूर किया है। लेकिन इसके लिए जो शर्तें उसने तय की हैं, उससे पाकिस्तान की कमर और टूटती दिख रही है। आईएमएफ के मुताबिक पाकिस्तान को 39 महीने का स्टेबिलाइजेशन यानी अर्थव्यवस्था का स्थि रीकरण कार्यक्रम चलाना है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन में छपे एक आलेख में इकोनॉमी के एक्सपर्ट कहते हैं कि आईएमएफ की शर्तों को मानने से अगले तीन साल में कम से कम 10 लाख नौकरियों की कटौती हो जाएगी। शर्तों के मुताबिक पाकिस्तान को अपनी मुद्रा के विनिमय को बाजार के मुताबिक छोड़ना होगा। मिलने से पहले ही शर्तों के मुताबिक ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी और ईंधन की कीमतें भी बढ़ानी है। इन सबसे जनता की मुश्किलें काफी बढ़ जाएगी।