सरकार द्वारा आए दिन एलपीजी गैस पर पैसों की बढ़ोतरी होने से गोदाम में इस समय भीड़ ना के बराबर है। ग्रामीणों व लोगों का कहना है की सब्सिडी खत्म होने से गैस मे ग्रामीणों अब बहुत कम गैस सिलेंडर ले रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब फिर हमने अपने घरों में लकड़ी वह उपले का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। 915 रुपए का सिलेंडर होने से घर का बजट बिगड़ गया है सरकार द्वारा उज्जवला योजना के तहत दिए गए सिलेंडर चूल्हा अब घरों में शोपीस बने हुए हैं सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म होने से लोगों का गैस के प्रति रुझान कम हुआ है
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा फिर से गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं, और इस बार फिर से जो दाम बढ़ाए गए हैं वह ₹15 हैं। गैस के दाम में ₹15 का और इजाफा होने से गरीब लोगों की जेब पर बोझ पड़ा है। इससे पहले एक माह में दो बार गैस के दाम में इजाफा होने से गरीब लोग परेशान हुआ है। जहां एक और भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री गैस उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गरीब लोगों को घर-घर तक पहुंचाई जा रही है ,वहीं अब हालात ऐसे पैदा हो गई है कि प्रधानमंत्री गैस उज्ज्वला योजना के अंतर्गत दिए हुए गरीबों के सिलेंडर आज शोपीस बनकर रह गए हैं।
गैस के दाम बढ़ने से एक बार फिर से गरीब लकडी मेरे को मजबूर हुआ है। तथा उपभोक्ताओं ने बताया कि काफी समय से सब्सिडी भी नहीं आ पा रही है। जिस कारण उन पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।
सरकार द्वारा लगातार बढ़ती महगाई से जहां एक तरफ आम जनता परेशान दिखी, वही गृहणियों के घर का बजट गड़बड़ाता नजर आ रहा हैं वही कुछ लोगों का मानना यह भी हैं कि अगर सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों की कीमती में इजाफा हुआ हैं यह हम मनाते हैं की पिछले छः माह से दामों में दस प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक इजाफा हुआ हैं वही सरकार द्वारा बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स के निर्माणों का काम भी किया जा रहा हैं इसलिए यदि सरकार द्वारा दामों में बढ़ोतरी की जा रही हैं वह किसी हद तक जायज भी हैं।
सरकार द्वारा लगातार बढ़ती महगाई से जहां एक तरफ आम जनता परेशान दिखी, वही गृहणियों के घर का बजट गड़बड़ाता नजर आ रहा हैं वही कुछ लोगों का मानना यह भी हैं कि अगर सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों की कीमती में इजाफा हुआ हैं यह हम मनाते हैं की पिछले छः माह से दामों में दस प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक इजाफा हुआ हैं वही सरकार द्वारा बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स के निर्माणों का काम भी किया जा रहा हैं इसलिए यदि सरकार द्वारा दामों में बढ़ोतरी की जा रही हैं वह किसी हद तक जायज भी हैं।