केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए धन आवंटन बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग के लिए हर साल लगातार धन आवंटन को बढ़ाया जा रहा है।
इसी क्रम में इस वर्ष के बजट को भी बढ़ाया गया है।
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बता दें कि 2015-16 में 26,855.26 करोड़ रुपये से वर्ष 2018-19 में 35,010.29 करोड़ रुपये धन आवंटित किया है।
उच्च शिक्षा के केंद्रीय संस्थान अभी सरकारी बजट पर निर्भर हैं।
क्योंकि ये संस्थान न्यूनतम शुल्क पर शिक्षा प्रदान करते हैं।
हालांकि केंद्र सरकार इन संस्थानों के लिए लगातार धन आवंटित करती रही है।
लेकिन यह राशि इन संस्थानों की जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
इसके लिए उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी ‘एचईएफए’ की स्थापना की गई है।
इसकी स्थापना बाजार आधारित उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए
बाजार से धन का लाभ उठाने के लिए की गई है।
एचईएफए की कुल अधिकृत पूंजी को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दी गई है।
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एचईएफए बोर्ड ने अब तक 10,065.37 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
इनमें से 5,260.90 करोड़ रुपये की राशि अब तक स्वीकृत कर दी गई है।
मालूम हो कि यह जानकारी 2 अगस्त को राज्यसभा में एक सवाल
के जवाब में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने दी।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए धन आवंटन बडढ़ाने का फैसला लिया है
बता दें कि केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए धन आवंटन बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग के लिए हर साल लगातार धन आवंटन को बढ़ाया जा रहा है।
इसी क्रम में इस वर्ष के बजट को भी बढ़ाया गया है।