नई दिल्ली। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन डीएमआरसी ने अपनी बिजली जरुरतों का लगभग छठा हिस्सा सौर ऊर्जा से पूरा करने की योजना बनाई है कॉरपोरेशन की विद्युत खपत अगले 5 साल में तीस मेगावॉट पर पहुंच जाने का अनुमान है दिल्ली मेट्रो इस समय में 140 मेगावॉट बिजली का इस्तेमाल करती हैं जिसमें से 17 मेगावॉट सौर ऊर्जा है जिसे अब बढ़ाकर अगले तीन महीनों में 20 मेगावॉट करने के आसार है यह परियोजना अगले 18 महीने में चालू हो जाएगी जीएमआरसी को इससे 3.15 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिलेगी।
दिल्ली मेट्रो सौर बिजली निर्माण के लिए सोलर पॉलिसी के तहत कॉरपोरेशन रुफ शेड्स पार्किंग लॉट्स आदि का भी इस्तेमाल कर सकता है डीएमआरसी और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने दिल्ली मेट्रो परिसरों में परियोजनाएं चलाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के अनुसार दोनों संगठन सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए चिन्हित डीएमारसी साइटों पर सोलर पीवी प्रोजेक्ट्स के विकास के लिए सहयोग करेंगे।
दिल्ली मेट्रो ने बदरपुर फरीदाबाद मेट्रो कॉरिडोर पर अपने स्टेशनों और डिपो पर 9 नए सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र लगाए हैं जिससे कि ए कॉरिडोर की ऊर्जा जरुरतों को आंशिक रुप से पूरा किया जाएगा डीएमआरसी का ऊर्जा खर्च 2009-2010 में 83.2 करोड़ रुपए था जो 2015-16 में छह गुना से भी अधिक बढ़कर 520.5 करोड़ रुपए हो गया 2009-10 में प्रति यूनिट बिजली की लागत 3.21 रुपए थी वहीं 2015-16 में यह दोगुनी होकर 7.25 प्रति यूनिट पर पहुंच गई हैं।