नई दिल्ली। बेंग्लुरु की आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) ने एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए भविष्यनिधि (पीएफ) पर मिलने वाले ब्याज को आयकर के दायरे में लाने को कहा है। ये फैसला ऐसे भविष्यनिधि खातों पर लागू होगा, जिनमें नौकरीदाता की ओर से पैसा डालना बंद किया जा चुका हो। यानि भविष्यनिधि खाताधारक या तो नौकरी छोड़ चुका हो या वो सेवानिवृत्त हो गया हो।
बता दें कि बेंगलुरु आईटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का फैसला एक निजी आईटी कंपनी के सेवानिवृत्त अधिकारी के मामले में आया। वो पीएफ खाताधारक अप्रैल, 2002 में सेवानिवृत्त हुआ था। सेवानिवृत्त होने के बाद भी उसने अपने भविष्यनिधि खाते में मौजूद 37.39 लाख रूपये नहीं निकाले। 9 साल बाद अप्रैल, 2011 में जब वो अपने भविष्यनिधि खाते से पैसा निकालने गया, तब उसके पीएफ एकाउंट में 82 लाख रुपये हो चुके थे। इस पर आयकर विभाग ने उसे नोटिस देते हुए पीएफ पर मिले 44.61 लाख रूपये ब्याज पर टैक्स देने को कहा। जिसके बाद ये मामला आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल में पहुंचा था।