रायपुर. छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में कार्रवाई जारी है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 25 जगहों पर टीम ने छापेमारी की है। आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अधिकारी और नान घोटाले से जुड़े रहे अनिल टूटेजा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर उनके भाई अनवर ढेबर और शराब कारोबारी पप्पू भाटिया के ठिकानों पर भी दबिश दी गई है।छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में कार्रवाई जारी है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 25 यह कार्यवाही मेयर के होटलों पर भी की जा रही है। टीम सभी जगहों से आय व्यय का लेखा-जोखा जुटा रही है। आयकर विभाग को यहां बड़ी टैक्स चोरी की आशंका है। इस कार्रवाई में 200 ज्यादा सीआरपीएफ जवान शामिल हैं।
इनकम टैक्स विभाग की टीम ने रायपुर में संचालित मेयर ढेबर के होटल सहित ढेबर प्लाजा में जांच के लिए पहुंची है। कारोबार से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। मेयर एजाज ढेबर के अलावा करीब एक दर्जन स्थानों पर कार्रवाई जारी है। आयकर विभाग की केंद्र टीम जांच कर रही है। एजाज ढेबर के ही छह से ज्यादा ठिकानों पर टीम पहुंची है। इनके अलावा आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी पप्पू भाटिया, कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, डॉ.ए. फरिश्ता, सीए संजय संचेती और सीए कमलेश्वर जैन के ठिकानों पर भी आयकर की जांच चल रही है।
अनिल टूटेजा की शिकायत पर ही चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में भूपेश बघेल सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। वहीं भिलाई में भी आबकारी विभाग के ओएसडी अरुणपति त्रिपाठी के सेक्टर 9 स्थित बंगले पर छापा मारा गया है। ओएसडी त्रिपाठी इंडियन टेलीकॅाम सर्विस के अधिकारी हैं और प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। पिछले करीब 15 दिन से आयकर की अलग अलग टीम प्रदेश में जगह जगह दबिश दे रही है।
सेंट्रल इनकम टैक्स की यह कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय रखी गई थी। सुबह 9 बजे ही सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी-अपनी जगह ले ली थी। इसकेे बाद अलग-अलग गाड़ियों में अधिकारी छापे की कार्रवाई के लिए पहुंचे। खास बात यह है कि सभी अधिकारी हरियाणा और झारखंड नंबर की गाड़ियों से पहुंचे हैं। इनकी गाड़ियों पर भी अलग-अलग विभाग के स्टीकर लगे हुए हैं। इनमें पर्यटन विभाग और देवस्थान विभाग जैसे नाम शामिल हैं। इस छापे की कार्रवाई में स्थानीय पुलिस और स्थानीय आयकर अधिकारियों को दूर रखा गया है।
दवाई करोबारी लक्ष्मी मेडिकल ने आयकर विभाग को 8 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। इनकम टैक्स विभाग की टीम ने लक्ष्मी मेडिकल के कई ठिकानों पर चार दिन पहले छापा मार कई सालों के रिकॉड खंगाले थे। तीन दिनों तक चली कार्रवाई में करोड़ों के अघोषित संपत्ति का ब्यौरा मिला था। जांच के दौरान सर्वे में प्रॉफिट कम दिखाए जाने के साथ, कैश में ज्यादा कारोबार करने और बोगस खर्चे दिखाने की बातें सामने आई थी।