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बुनकर उद्योग संकट में, टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने विज्ञापन के जरिए बयां किया दर्द

बुनकर उद्योग संकट में, टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने विज्ञापन के जरिए बयां किया दर्द

नई दिल्ली। विभिन्न सेक्टरों में नौकरियों की मार झेल रहे भारत के युवाओं के बाद अब देश की टक्सटाइल्स व्यवसाय पर मंदी का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। संचालकों ने बताया कि टेक्सटाइल सेक्टर अब गंभीर संकट में है।

हाल ही में टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने मंदी और रोजगार को लेकर अखबारों में विज्ञापन दिया है। इसके बाद से सियासत गरमा गई और कांग्रेस ने भी हुंकार भरते हुए मंदी को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरना शुरू किया है। कांग्रेस ने कहा है कि मंदी जैसे संकट में भी बीजेपी सरकार कुंभकरणी नींद सो रही है।

सुरजेवाल ने ट्वीटर पर किया कटाक्ष

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन द्वारा जारी विज्ञापन को शेयर करते हुए लिखा है, ‘’खेती के बाद सबसे ज़्यादा रोज़गार पैदा करने वाला ‘कपड़ा उद्योग’ अब गंभीर मंदी की मार में. अख़बार में इश्तिहार तक दिया, लेकिन बीजेपी सरकार कुंभकरणी नींद सो रही है। क्या देश का रोज़गार ख़त्म करना और उद्योग बंद करना देश विरोधी नहीं?’’

ये है पूरा मामला

पिछले दिनों कुछ अखबारों में विज्ञापनों के माध्यम से यह बताया गया कि टेक्सटाइल्स मिल्स का कारोबार अब मंदी की मार झेल रहा है। इसे समझाने के लिए ‘नॉर्दन इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन’ ने वर्ष 2018 – 2019 की तुलना करके बताया है कि अप्रैल से जून तक के महीने में सूती धागे के निर्यात में कमी आई है। बता दें कि साल 2018 के अप्रैल महीने में सूती धागे का निर्यात 337 यूएस मिलियन डॉलर का था, जबकि 2019 में 266 यूएस मिलियन का ही रहा. मई 2018 में सूती धागे का निर्यात 349 यूएम मिलियन डॉलर का था। विज्ञापन में टाइटल के रूप में लिखा गया है, ‘’बुनकर उद्योग बड़े संकट से गुजर रहा है।’’

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