हरिद्वार। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए सावन माह सबसे उत्तम महीना माना गया है। कहा जाता है कि सावन में शिवजी की विशेष पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। शिवजी की आराधना का सावन माह 10 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन माह में विशेष योग बन रहा है।
ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू होगा और सोमवार 7 अगस्त को ही खत्म होगा। इस वर्ष सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब सावन माह सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म होगा।
वहीं आखिरी सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रग्रहण का साया होने और साथ ही भद्रा होने से रक्षा सूत्र बांधने के लिए मुहूर्तों का टोटा होगा। अक्सर देखा जाय तो सावन माह में 4 सोमवार पड़ते हैं लेकिन इस बार पांच सोमवार का पड़ना भी शुभ संकेत माना जा रहा है। इस बार सावन माह 29 दिनों का होगा। पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया रहेगा। मकर राशि में खंडग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। चंद्रग्रहण का स्पर्श काल रात 10.53 बजे और मोक्ष रात्रि 12.48 बजे होगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल राखी पर चंद्र ग्रहण रहेगा जो बहुत शुभ है। सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना व व्रत रखने से उनकी विशेष कृपा मिलती है। पूजा करने के दौरान शिवलिंग का अभिषेक कर शिव की कृपा मिलती है। इस दौरान दूध से अभिषेक करने पर परिवार में कलह, मानसिक पीड़ा में शांति मिलती है।
घी से अभिषेक करने पर वंशवृद्धि होती है। वहीं शहद से अभिषेक करने से परिवार को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रु नाश, गिलाय से अभिषेक करने से रोग नाश व गन्ने केरस से अभिषेक करने से धन संपदा की वृद्धि होती है।
इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है। स्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध। इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है।
पंडितों के अनुसार इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं)। भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रत रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।