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विधानसभा का सत्र स्थागित, बनी रही गिरधारी लाल साहू के किडनी प्रकरण की गूंज

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नई दिल्ली। आखिरकार विधानसभा का सत्र स्थगित हो गया लेकिन इस दौरान दूसरे दिन लगातार सदन में मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू के किडनी प्रकरण की गूंज बनी रही। अब तक खामोश रहा विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार के साथ मंत्री पर निशाना साधता रहा। लेकिन जहां सरकार इस मामले में जबाव देने से बचती रही। वहीं मंत्री ने भी इस मामले में सीधा-सीधा कोई जबाव नहीं दिया। लिहाजा विपक्ष ने सदन में हंगामा काट कर साफ कर दिया कि वह सरकार के साथ हर मुद्दे पर सहमत नहीं है। गैरसैंण में चल रहा विधानसभा सत्र दो दिनों की हलचल के बाद बीते शुक्रवार स्थगित हो गया।

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जहाँ विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश हुआ वहीं कई अन्य प्रस्ताव भी पारित हुए। लेकिन इस दौरान विपक्ष की भूमिका लगातार आश्चर्यजनक रही। विपक्ष पूरे सदन में एक मित्र विपक्ष की भूमिका में रहा। लेकिन चलते चलते विधान सभा सत्र के दौरान सूबे में राज्यमंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू से जुड़े चर्चित किडनी कांड प्रकरण पर विधान सभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मामले में सरकार से निष्पक्ष जाँच कर दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने और राज्य मंत्री से इस्तीफ़े की भी माँग की।

बता दें कि प्रश्नकाल के बाद याचिकाओं की प्रस्तुति के वक़्त काम रोको प्रस्ताव के तहत कांग्रेस विधानमंडल दल के उपनेता करण माहरा ने इस मुद्दे को उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि एक नरेश गंगवार नाम के व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी कि गिरधारी लाल साहू ने श्रीलंका ले जाकर धोखे से अस्पताल में उसकी कडनी निकाल ली। साहू मौजूदा सरकार में मंत्री रेखा आर्या के पति हैं जिसके चलते पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसके बाद जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंथ तो जवाब देने के लिए खड़े हुए।

उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री ख़ुद इस मामले में अपना पक्ष सदन के सामने रखना चाहते हैं। इस पर विपक्ष लगातार हंगामा और विरोध करता रहा जिसके बाद सभी कांग्रेस विधायक उठकर बेल तक आ गए और उन्होंने कहा हमें इस मामले में मंत्री का नहीं सरकार का जवाब चाहिए। भोजनावकाश के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने इस मामले का जवाब देते हुए कहा कि यह मामला देश और राज्य के बाहर का है इस मामले में जो भी उचित कार्रवाई होती है वो की जा रही है और इस मामले में सरकार निष्पक्ष तौर पर कार्रवाई करेगी।

चूंकि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है इस लिहाज़ से इस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती है सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर विधानसभाध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। हालाँकि इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने साफ़ कहा है कि यह मामला बेहद गंभीर है और सरकार इसे दबाना चाहती है लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को किसी भी क़ीमत पर दबाने नहीं देगी।

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