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देश की राजधानी में कोरोना से मरे लोगों के शवों की बुरी हालत, न तो कोई दफनाने वाला और नहीं कोई जलाने वाला..

corrona deat 1 देश की राजधानी में कोरोना से मरे लोगों के शवों की बुरी हालत, न तो कोई दफनाने वाला और नहीं कोई जलाने वाला..

कोरोना ने पूरी दुनिया को थाम के रख दिया है। इस बीच भारत में भी कोरोना के मरीजों का आंकडा एक लाख को पार कर चुका है।

death 4 देश की राजधानी में कोरोना से मरे लोगों के शवों की बुरी हालत, न तो कोई दफनाने वाला और नहीं कोई जलाने वाला..

तमाम कोशिशों के बाद भी देश में न तो कोरोना के मरीज कम हो रहे और न ही मरने वालों का आंकड़ा।

दिल्ली में कोरोना से मरने वाले लोगों की लाशे तक कोई उठाने वाला नहीं है। जिसका वजह से लाशों का ढेर बढ़ता जा रहा है।

आपको बता दें, लोक नायक हॉस्पिटल के कोरोना शवगृह के अंदर 108 शव हैं। शवगृह के सभी 80 स्टोरेज रैक भरे हुए हैं और फर्श पर भी 28 शव रखे हुए हैं।

शवगृह के अधिकारियों ने बताया कि एक के ऊपर एक शव को रखा गया है।हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक निगमबोध घाट सीएनजी शवदाह गृह से आठ शवों को वापस कर दिया गया क्योंकि वहां निपटान के लिए अधिक शवों को रखने की सुविधा नहीं थी।

यहां छह में से सिर्फ दो ही भट्टियां काम कर रही थीं। लोक नायक हॉस्पिटल शहर का सबसे बड़ा कोरोना हॉस्पिटल है।

बुधवार को दिल्ली में कोरोना वायरस के 792 नए मामलों की पुष्टि हुई, जिसके बाद शहर में मरीजों की संख्या बढ़कर 15,257 तक जा पहुंची।

इस बीच 15 लोगों की हुई और आंकड़ा बढ़कर 303 तक पहुंच गया। शहर में 2 मार्च को पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था।

इस बीच लगातार मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जिस तरह से कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का बुरा हाल। उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

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अगर कोरोना को रोकने की कोई दवाई नहीं बनी तो वो दिन दूर नहीं जब इंसानों और मुर्दें को एक साथ रहना पड़ सकता है। क्योंकि जिस रफ्तार से कोरोना के मरीज और कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। वो सोचने पर मजबूर करती जा रही है।

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