इस्लामाबाद। पाकिस्तान में धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले लोगों के साथ कैसा बर्ताव होता है, इस बात का खुलासा इस मामले से हो गया है। पाकिस्तान में मोची नाम से एक ब्लॉग चलाने वाले आसिम सईद का कुछ महीनों पहले अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुट कर आए ब्लॉगर सईद ने अपने ऊपर हुए जुल्मों की दास्ता बयां करते हुए कहा कि वहां पहुंचकर मुझे लगने लगा था कि अब मैं यहां से कभी वापस नहीं जा पाउंगा। उन्होने बताया कि उनसे बार-बार ये पुछा जाता था कि उनका भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ क्या संबंध है। वहीं आसिम ने अपना जान को खतरा बताते हुुए ब्रिटेन में शरण मांगी है।
सोशल मीडियी कार्यकर्ता ने बताया कि उनके साथा मारपीट की गई और उनसे पूछा गया कि क्या वो रॉ के एजेंड हैं? क्या उन्हें रॉ ने धन मुहैया कराया है? आसिफ ने बताया कि साधे कपड़े पहने कुछ लोगों ने उन्हें जबरदस्ती कार में बिठा लिया। वो मुझे कहा लेकर गए मुझे याद नहीं। उन्होंने मुझसे पूछा की मैं पाकिस्तानी सेना का आलोचक क्यों हूं। उन्होंने कहा कि एक आदमी ने मुझसे पूछा की तुम्हे क्यों पकड़ा गया है, जब मैने न में गर्दन हिलाई को उसने मुझे जोर से थप्पड मारा। अपहरणकर्ताओं ने आसिम से उनसे सोशल मीडिया, ईमेल और फोन से जुड़े पासवर्ड मांगे। हालांकि पूछताछ के कुछ समय बाद आसिम को छोड़ दिया गया।