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भाजपा से टकराएंगें यादव परिवार के नए चेहरे

sp vs bjp भाजपा से टकराएंगें यादव परिवार के नए चेहरे

उत्तर प्रदेश के चुनावी रण को जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने सरगमियां तेज कर दी है। दिनों-दिन रण का मुकाबला तेज होता जा रहा है। विशेषकर राजधानी लखनऊ की 4 विधानसभी सीटों में से 2 पर दिग्गजों के नाम पर दांव लगाया गया है। लखनऊ कैंट में मुकाबला भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी और समाजवादी पार्टी की नेता बहू अपर्णा यादव के बीच है।

rita apadna भाजपा से टकराएंगें यादव परिवार के नए चेहरे

रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस को छोड़ कुछ दिनों पहले ही भाजपा में शामिल हुई हैं। चुनावी समीकरणों की बात की जाए तो इन चुनावों में रीता अपर्णा के बीच कांटे की टक्कर है। रीता कांग्रेस का जाना-माना चेहरा है लेकिन इस बार भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रही है इसलिए उन्हें इस बात की खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वहीं, अपर्णा को यादवों का साथ तो मिलेगा ही साथ ही युवा चेहरा होने का फायदा मिल सकता है।

बता दें कि पिछले चुनावों में कांग्रेस की प्रत्याशी रह चुकी रीता को इस सीट से 21 हजार 753 वोटों से जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनावों में रीता ने भाजपा के सुरेश चन्द्र तिवारी को मात दी थी। इस बार वो खुद भाजपा की प्रत्याशी है।

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सरोजनी नगर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर

एक तरह लखनऊ कैंट की सीट है जिस पर अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। तो दूसरी तरफ सरोजनी नगर विधानसभा सीट पर भाजपा की स्वाति सिंह और समाजवादी पार्टी के अनुराग यादव के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा।

जहां एक तरफ स्वाति सिंह को भाजपा की महिला नेता के रूप में देखा जा रहा है। स्वाति सिंह मायावती के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे। दयाशंकर के मामले के बाद पति की सुरक्षा में उतरी स्वाति सिंह तब से ही राजनीति में काफी सक्रिय दिख रही है। भाजपा ने स्वाति पर उस सीट से दांव खेला है जिस पर भाजपा को कभी भी जीत हासिल नहीं हुई है।

राजधानी की इस सीट पर भाजपा का मुकाबला फिर यादव परिवार के सदस्य से ही है। स्वाति सिंह का मुकाबला अनुराग यादव से है। जहां एक तरफ स्वाति सिंह को महिलाओं की सहानुभूति मिलने के आसार लगाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ अनुराग यादव को युवा चेहरे के रूप में देखा जा रहा है।

हालांकि दोनों विधानसभा सीटों पर युवाओं को तवज्जों मिलेगी, परिवारवाद जीतेगा या फिर भाजपा का बिगुल बजेगा इस बात का पता तो चुनावी नतीजे आने के बाद ही चलेगा।

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