- हेल्थ डेस्क, भारत खबर
नई दिल्ली। भारत में हर आठ में एक महिला स्तन कैंसर की चपेट में है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्तन कैंसर इस बीमारी के सभी प्रकारों में सबसे आम है और भारत में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शरीर के किसी हिस्से में कोशिकाओं की असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि को #Cancer कहा जाता है। लगातार बढ़ते रहने से इस टिश्यू के टुकड़े खून के रास्ते शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचते हैं और नई जगह पर विस्तार करने लगते हैं। इसे मेटास्टेसिस कहा जाता है।
स्तन कैंसर के बारे में जानने के लिए शरीर रचना के बारे में जानना बहुत जरूरी है। स्तन शरीक का एक अहम अंग है। स्तन का मुख्य कार्य अपने दुग्ध उत्पादक ऊतकों (टिश्यू) के माध्यम से दूध बनाना है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों (डक्ट) के जरिये निप्पल से जुड़े होते हैं। इसके अलावा इनके चारों ओर कुछ अन्य टिश्यू, फाइब्रस मैटेरियल, फैट, नाड़ियां, रक्त वाहिकाएं और कुछ लिंफेटिक चैनल होते हैं, जो स्तन की संरचना को पूरा करते हैं।
यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि ज्यादातर #स्तन_कैंसर डक्ट में छोटे #कैल्शिफिकेशन (सख्त कण) के जमने से या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ के रूप में बनते हैं और फिर बढ़कर कैंसर में ढलने लगते हैं। इसका प्रसार लिंफोटिक चैनल या रक्त प्रवाह के जरिये अन्य अंगों की ओर हो सकता है।
स्तन कैंसर की चेतावनी वाले लक्षण :
- किसी स्तन में या बाहों के नीचे गांठ
- किसी स्तन के आकार, आकृति या ऊंचाई में अचानक कोई बदलाव दिखना
- स्तन या #निप्पल का लाल हो जाना
- स्तन से साफ या खून जैसे द्रव का बहना
- स्तन के #Tissue या त्वचा का ज्यादा समय तक सख्त बने रहना
- स्तन या निप्पल की त्वचा पर कुछ अलग दिखना या अनुभव होना (डिंपल
- खना, जलन होना, लकीरें दिखना या सिकुड़न अनुभव होना)
- स्तन का कोई हिस्सा बाकी हिस्सों से अलग दिखाई देना
- स्तन की त्वचा के नीचे कहीं सख्त अनुभव होना
सावधानियां :
उपरोक्त वर्णित लक्षणों में से एक या एक से ज्यादा लक्षण दिखने पर तत्काल विस्तृत जांच करा लेनी चाहिए। जल्दी पता लगने से बीमारी को बेहद कम इलाज और कम जटिलताओं के साथ ठीक किया जा सकता है।