- नगर निगम लखनऊ: जिनके ऊपर समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी, वो खुद ही हैं पीड़ित
लखनऊ। जिन नगर निगम में कर्मचारियों और अधिकारियों की नौकरी जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए लगाई जाती हैं, वहीं पर वे खुद ही पीड़ित बने हुए हैं। कर्मचारी जनता की समस्याओं का हल निकालना तो दूर की बात है वो खुद ही अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए खुद के कार्यालय में लगे लोकमंगल दिवस का सहारा ले रहे हैं।
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने हर मंगलवार को लोकमंगल दिवस लगाने का ऐलान किया था। इसको कोरोनाकाल को छोड़ दें तो यह नियमित रूप से चलता भी है। इन लोकमंगल दिवसों में जनता अपनी शिकायतें लेकर आती हैं और कर्मचारियों-अधिकारियों को महापौर उनकी समस्याओं को दूर करने के निर्देश देती हैं। लेकिन, आप सोचिए कि जिन कर्मचारियों को महापौर संयुक्ता भाटिया जनता की समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी देती हैं, वो खुद ही अपनी समस्याएं दूर नहीं कर पा रहे हैं।
सबसे हास्यास्पद तस्वीर यह है कि पूरा अमला वहां पर रोज बैठता है, उसके बाद भी कर्मचारी अपनी समस्याओं को निस्तारण के लिए लोकमंगल दिवस का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता की समस्याओं को ये कर्मचारी कैसे दूर करते होंगे।
जोन-सात में कर्मचारियों ने महापौर से लगाई गुहार
जोन सात में मंगलवार को लोकमंगल दिवस के दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया जनता की शिकायतें सुन रही थीं और उसके समाधान के लिए संबंधित नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी को निर्देश दे रही थीं। इसी बीच कर्मचारियों और अधिकारियों का एक समूह अपनी ही समस्याओं को लेकर उनके पास पहुंच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने शिकायत की कि जोनल कार्यालय परिसर में पीने का पानी, जेनरेटर और बैठने के स्थान पर्याप्त नहीं है।
दीया तले अंधेरा
इतना ही नहीं शहर को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए शौचालय बनवाने की अपील करने वाले नगर निगम के जोन सात में महिलाओं के लिए शौचायल ही पर्याप्त नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की हकीकत खुद ब खुद सामने आ जाती है। महिला कर्मचारियों ने महापौर से जोनल कार्यालय में महिला शौचालय बनाने का अनुरोध किया।
महापौर ने दिया निर्देश
लखनऊ नगर निगम पहली महिला मुखिया के रूप में जिम्मेदारी संभाले हुए महापौर संयुक्ता भाटिया को तीन साल का वक्त हो चुका है। नगर निगम में काम करने वाली महिलाएं मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहीं है। हालांकि महापौर ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त को सभी जोनल कार्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाएं कराने और हर कार्यालय में एक महिला शौचालय अलग से बनाने के लिए निर्देशित किया।