राजधानी लखनऊ के महानगर थाने में आईएएस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में थाना प्रभारी को भारी पड़ गया। दरअसल एक मामले के तहत महानगर थाना प्रभारी द्वारा दो आईएएस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कमिश्नर डीके ठाकुर ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है।
ये था मामला
दरअसल राज्य नियोजन विभाग में आवासीय विद्यालय में रैंकिंग के मामले को लेकर के कई गड़बड़ियां सामने आ रही थी। जिसके तहत दो आईएएस लगातार इस गड़बड़ी में बड़ी भूमिका में दिख रहे थे। जिसके बाद यह मामला महानगर थाने पहुंचा। जिसमें आईएस ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी व अमित अग्रवाल को आरोपी बनाए गए। जिस पर थाना प्रभारी यशकांत सिंह के द्वारा दोनों आईएएस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मुकदमा दर्ज होते ही एफआईआर कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस पूरे मामले का संज्ञान डीके ठाकुर ने लिया और एफआईआर करने वाले थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। थाना प्रभारी पर आरोप है कि थाना प्रभारी ने अपने उच्च अधिकारियों को संज्ञान में लिए बिना ही आईएएस अधिकारियों पर मुकदमा कर दिया।जिसके चलते थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।तो वही मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करते वक्त यह नहीं पता था कि दोनों ही आरोपी आईएएस अधिकारी है हालांकि महानगर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया और आलमबाग थाना के प्रदीप सिंह को महानगर थाना प्रभारी बनाया गया है।