पटना। बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी है इसके बारे में सभी जानते हैं। पिछले साल जिस तरह से बच्चों के पेपर कराए गए थे उससे देखकर साफ पता चलता है कि बिहार में बच्चों का भविष्य कैसे बुना जा रहा है। अभी एक साल भी नहीं हुआ था कि बीच में ही रूबी राय जैसे केस सामने आ गए इसके बाबजूद शिक्षा व्यवस्था का दुरूस्त नहीं किया जा सका है।
तकनीक के इस युग में बिहार सरकार की लाख कदाचारमुक्त परीक्षा बेइमानी साबित हो रही है। बोर्ड परीक्षा मजाक बनता जा रहा है। परीक्षा शुरू होने से पहले सभी छात्रों के पास पेपर पहुंच जाता है। शनिवार को केमेस्ट्री (रसायन) का पेपर होना था लेकिन आरा जिले में परीक्षा शुरू होने से पहले ही केमेस्ट्री का पेपल लीक हो गया।
सिर्फ दो दिन पहले ही 16 फरवरी को हुए फिजिक्स (भौतिकी) का पेपर भी लीक हुआ था जिसको बोर्ड की ओर से इनकार किया गया था। लेकिन जो फिजिक्स का पेपर लीक हुआ वो बिल्कुल सही था।
गौर हो कि इंटर परीक्षा के प्रथाम दिन मंगलवार 14 फरवरी की सुबह भी लखीसराय के महिला विद्या मंदिर केंद्र के बाहर प्रश्नपत्र के उत्तर लीक हो गए थे। पेपर के उत्तर 100-100 रुपये में बेचे गए थे । प्रश्नपत्र और ऑब्जेक्टिव का उत्तर कई परीक्षा केंद्रों तक व्हाट्सएप के माध्यम से ही वायरल हुआ था।
गुरुवार को भी इंटर की परीक्षा शुरू होने के पहले दिन ही आरा में प्रश्न पत्र बाजार में आ गया था । यहां पर सुबह साढ़े आठ बजे से ही प्रश्न पत्र बिकना शुरू हो गया था। कुछ देर बाद ही प्रश्न पत्र वाट्सएप के द्वारा सारे केंद्रों तक फैल गया था। आउट हुआ प्रश्न पत्र बाजार में दस बजे के बाद सामान्य रूप से उपलब्ध हो गया था।