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फीफा विश्व कपःकोरिया ने दी कड़ी शिकस्त, 0-2 से हार के बाद जर्मनी विश्व कप से बाहर

foot ball फीफा विश्व कपःकोरिया ने दी कड़ी शिकस्त, 0-2 से हार के बाद जर्मनी विश्व कप से बाहर

फीफा विश्व कप के 80 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जर्मनी विश्व कप से पहले ही दौर में बाहर हो गया। आपको बता दें कि जर्मनी के नाम चार बार का विश्व विजेता,चार बार का उप विजेता और पिछले विश्व कप में विजेता का खिताब है।कजान में कोरिया के द्वारा मिली 0-2 से अपमानजनक हार के बाद जर्मनी विश्व कप से बाहर हो गई है।

 

foot ball फीफा विश्व कपःकोरिया ने दी कड़ी शिकस्त, 0-2 से हार के बाद जर्मनी विश्व कप से बाहर

 

जर्मनी फुटबॉलर जो गोल आंख बंद करके करने की काबीलियत रखते हैं

गौरतलब है कि कोच जोएकिम लो की टीम पर दबाव बुरी तरह हावी हो गया।नही तो जर्मनी फुटबॉलर जो गोल आंख बंद करके करने की काबीलियत रखते हैं उनको खुली आंखों से नही कर सके।

जर्मनी को दूसरे विश्व युद्ध के समय पराजय मिली थी

आपको बता दें कि हिटलर की जर्मनी को दूसरे विश्व युद्ध के समय पराजय मिली थी। एक बार फिर जर्मनी यहां विश्व विजेता बनकर आया था।लेकिन उसे पहले ही दौर में विश्व कप से बाहर होना पड़ा।जर्मनी ने स्वीडन को भले ही दूसरे मैच में 2-1 से परास्त कर दिया था लेकिन दूसरे दौर में पहुंचने के लिए ग्रुप में बनी स्थितियों ने गत विजेता को दबाव और परेशानी में डाल दिया।

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मैदान पर गोल करने के दबाव में बुरी तरह टूट गए। कोरिया भले ही दो गोल से जीता हो

कोरिया के खिलाफ कोच लो ने एक या दो नहीं बल्कि पांच परिवर्तन कर डाले। जिन खेदीरा,ओजिल, गोरेत्जका, मैट हमल्स जैसे दिग्गज परिवर्तन के तौर पर उतरे तो लेकिन मैदान पर गोल करने के दबाव में बुरी तरह कमजोर  रहे।

पूरे मैच में दबदबा जर्मनी का रहा। उनका गेंद पर कब्जा 69 प्रतिशत रहा

कोरिया भले ही दो गोल से जीता हो, लेकिन पूरे मैच में दबदबा जर्मनी का रहा। उनका गेंद पर कब्जा 69 प्रतिशत रहा। और गोल पर प्रयास 26 बार किया, लेकिन गोल नसीब नहीं हुआ। जब गोल के लिए जर्मनी इंजरी टाइम में ऑलआउट चला गया तब कोरिया ने एक के बाद एक दो गोल कर दिए।

कोरिया ने भी चार परिवर्तन किए थे, लेकिन उन्होंने जबरदस्त रक्षण किया

आपको बता दें कि कोरिया गोलकीपर जो ह्यून वू ने पूरे मुकाबले के दौरान चार से पांच ऐसे बचाव किए जिन पर निश्चित रूप से गोल होना चाहिए था। यही कारण था कि उन्हें अंत में मैन ऑफ द मैच चुना गया। पहला मैच खेल रहे गोरेट्जा का हेडर उन्होंने जिस तरह से बचाया उसे विश्व कप का बचाव कहा जा सकता है। ऐसा ही बचाव उन्होंने दूसरे हॉफ में भी किया। कोरिया ने भी चार परिवर्तन किए थे।

 

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