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चुनाव आयोग के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की अहम बैठक आज, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हो सकता है कोई बड़ा ऐलान

समय से पहले विधानसभा भंग होने पर तुरंत लागू होगी आचार संहिता- चुनाव आयोग

कोरोनावायरस के नई स्वरूप ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण का खतरा अब पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर मंडराने लगा है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा चुनावों को टालने पर टिप्पणी करने के बाद चुनाव आयोग ने तात्कालिक रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अहम बैठक करने का निर्णय लिया है। 

चुनाव आयोग के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की अहम बैठक आज

आपको बता दें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव को टालने की संभावनाएं बन रही है। हालांकि इस मुद्दे पर आज चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अहम बैठक का आवाहन किया है। संभव है कि इस बैठक के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कोई बड़ा ऐलान किया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा चुनाव आयोग की वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह सभी अधिकारी कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन संक्रमण के बीच चुनावों को लेकर मंथन करेंगे। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के लिए वह राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का आग्रह किया है।

वही कोर्ट की ओर से कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को जाहिर करते हुए कहा गया है कि “जान है तो जहान है” अगर जीवन रहा तो चुनावी रैलियां और बैठकें होती रहेगी और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी जीवन का अधिकार दिया गया है। 

क्या पश्चिम बंगाल में हुई गलती को फिर जाएगा दोहराया?

एक्सपोर्ट की माने तो कुछ ही दिन में ओमिक्रोन का रूप कोरोना की तीसरी लहर के रूप में देखा जा सकता है। इसी बीच 2022 में देश के 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर अधिसूचना अभी जारी हो सकती हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अनुभव को देखते हुए इलाहाबाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से सख़्ती के साथ कदम उठाने का आग्रह किया है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि “जान है तो जहान है” निश्चय ही आप सभी को याद होगा कि कैसे कोरोना कि दूसरी लहर के दौरान लोगों ने अपनी जान गवाई है।

क्या नहीं होंगे चुनाव?

अभी तक यह साफ नहीं है कि चुनाव आयोग का विधानसभा चुनावों को लेकर अभी तक चुनाव आयोग का रुख साफ नहीं है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा चुनावों को स्थगित करने की काफी कम संभावना है। वहीं अधिकारियों के मुताबिक यदि चुनावों को टालने जैसा कोई बड़ा निर्णय लिया गया। तो इसके साथ कई अन्य निर्णय लेने होंगे। क्योंकि जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू करना होगा। वही सारी तैयारियां एक बार फिर से शुरू करनी होगी। हालांकि चुनाव आयोग द्वारा प्रचार एवं भीड़ के प्रबंधन को लेकर कोई जरूरी कदम उठा सकती हैं।

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